
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये अध्यक्षता कर रहे प्रेम चौधरी नदीम ने कहा कि वर्तमान परिवेश बेहद खतरनाक मोड़ पर है जँहा लोग इंसान होने की बात भूलकर जाति धर्म की खाई खोदने का काम कर रहे है हम सभी को शहीद भगतसिंह से सीख लेते हुये धर्म जाति के मायाजाल को तोड़कर राष्ट्रहित के लिये कदम बढ़ाना चाहिये।
इप्टा कोंच के सरंक्षक डॉ मु0 नईम बॉबी ने भगत सिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुये उनके विचारों के बारे में बताया। उन्होंने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि आधुनिक परिवेश में देश ऐसी परस्थितियों से गुजर रहा है। जिसमें अप्रत्यक्ष रूप से मध्यमवर्गीय लोगों का शोषण किया जा रहा है। शोषण के विरुद्ध इप्टा और प्रलेस जैसे संगठन ही हमेशा आवाज बुलन्द करने का कार्य कर रहे है।
E&E News के संस्थापक शाहिद अजनबी ने शहीद भगतसिंह के पत्रों का विस्तृत जिक्र करते हुये काव्यात्मक अंदाज में भी अपने विचार रखते हुये कहा कि " गर लहू है तो हरकत होनी चाहिये, वरना बहने को तो समन्दर बहा करते हैं ।
रंगकर्मी हारून कादरी द्वारा एकल अभिनय के माध्यम से अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर मौजूद लोगों को सोचने पर विवश कर दिया।
गोष्ठी को वरिष्ठ कवि सन्तोष तिवारी, शिक्षक राजेश गोस्वामी,संजय सिंघाल,कवि नन्दराम स्वर्णकार भावुक, अभिनव सरकार,राज शर्मा,अमन राठौर,तलत खान आदि ने सम्बोधित किया गोष्ठी का संचालन पारसमणि अग्रवाल ने किया
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