बिहार के मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में समाज शास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर संजय कुमार पर 17 अगस्त 2018 को हत्या के इरादे से किए गए हमले की याद उन्हें देखते ही ताजा हो जाती है और सामने घूमने लगता है उनके साथ नृशंसता से की गई मारपीट का वो खौफनाक वीडियो जिसमें न सिर्फ उन्हें लाठी–डंडों, लात–घूंसों से बुरी तरह पीटा गया, बल्कि शरीर पर एक भी साबूत कपड़ा नहीं बचा, गुप्तांगों पर इतनी बुरी तरह वार किया गया कि वे अभी तक दिल्ली एम्स में चिकित्सकों की देखरेख में हैं। वीडियो का वह सीन भुलाए नहीं भूलता कि कैसे उन पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने की कोशिश की गई और बाइक से पेट्रोल निकालकर गुंडे उन्हें वहीं पर स्वाहा कर देना चाहते थे।
इस पूरी घटना में हमलावरों को संघ समर्थक सत्ता का संरक्षण मिलता साफ-साफ दिख रहा है। जहां एक ओर संजय अभी भी अस्पताल में पड़े हैं, वहीं दूसरी ओर उनके हमलावरों को पुलिस ने छुट्टा छोड़ दिया है। इस मामले में केवल दो लोगों के गिरफ्तारी हुई। हालांकि इसमें से एक ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। कोर्ट द्वारा दोनों को जमानत दी जा चुकी है और वे जेल की सलाखों के बाहर हैं।
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