यू .पी.में जल-सैलाब ?

उत्तर प्रदेश 30/०८/२०१८ 


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उत्तर प्रदेश में एक बार फिर सक्रिय हुए मानसून से लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली है। पिछले 24 घंटों के दौरान सूबे में अनेक स्थानों पर बारिश हुई। जलभरण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा की वजह से नदियां उफान पर हैं और कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखीमपुर खीरी और गोण्डा जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिये।


आंचलिक मौसम केन्द्र की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान जहां प्रदेश में अनेक जगहों पर वर्षा हुई। वहीं कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश भी हुई। इस अवधि में कासगंज में सबसे ज्यादा 20 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गयी। इसके अलावा झांसी में 14, जलेसर में 12, सहसवान और अतरौली में 11-11, बदायूं में नौ, आगरा, चिल्लाघाट तथा कायमगंज में आठ-आठ, सफीपुर, मुसाफिरखाना, मुजफ्फरनगर और उरई में सात-सात सेंटीमीटर बारिश हुई।
अगले 24 घंटों के दौरान भी राज्य के ज्यादातर स्थानों पर वर्षा होने का अनुमान है। कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश भी हो सकती है। यह सिलसिला अगले दो दिनों तक जारी रहने की सम्भावना है। इस बीच, केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक घाघरा नदी कई स्थानों पर रौद्र रूप दिखा रही है। एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या और तुर्तीपार (बलिया) में यह खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं, शारदा नदी का जलस्तर पलियाकलां (लखीमपुर खीरी) में लाल चिह्न के ऊपर बना हुआ है।

इसके अलावा गंगा नदी गढ़मुक्तेश्वर, नरौरा, फतेहगढ़, गुमटिया, अंकिनघाट और कानपुर में खतरे के निशान के नजदीक बह रही है। वहीं, क्वानो नदी का जलस्तर चंद्रदीपघाट (गोण्डा) में और शारदा नदी का जलस्तर शारदा नगर में लाल चिह्न के नजदीक बना हुआ है। इधर, लखीमपुर खीरी से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री योगी ने आज धौरहरा तहसील के बाढ़ प्रभावित गांवों का हवाई सर्वेक्षण किया। बाद में उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि जिले के आठ इलाकों में शारदा तथा घाघरा नदियों की कटान का खतरा है। अधिकारियों से कहा गया है कि वे बाढ़ राहत तथा कटान रोकने के लिये युद्धस्तर पर काम करें।

रामगंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से मुरादाबाद के सैकड़ों गांव पानी से घिर गए। शाम छह बजे तक रामगंगा खतरे के निशान से 73 सेमी ऊपर रिकार्ड की गई। नैनीताल हाईवे पर चार फुट पानी बह रहा है। पंडित नगला से जाने वाले स्टेट हाईवे का भी संपर्क टूट गया। बाढ़ प्रभावित इलाकों से सैकड़ों परिवार पलायन कर गए। कटघर में रेलवे ट्रैक पर पानी आने से दस से ज्यादा ट्रेनें रोक दी गईं। शहर के जिगर कालोनी समेत कई हिस्सों में पानी घुस गया है। हजारों बीघे फसल चौपट हो गई। रामगंगा से जुड़े कई नालों के बैक मारने से कई अन्य कालोनियों में भी पानी घुस गया है।
मंगलवार को बारिश नहीं हुई पर रामगंगा का बढ़ता जल स्तर नहीं थमा। सोमवार से जल स्तर बढ़ने का सिलिसला चलता रहा। प्रशासन लगातार जल स्तर घटने की दुहाई देता रहा पर उनकी बात झूठ निकली। शाम छह बजे तक जल स्तर बढ़ कर 191.37 पर पहुंच गया। जिले के 232 गांवों में बाढ़ का असर दिखा। शहर के जिगर कालोनी में पानी घुसने से दहशत फैल गई। रामगंगा विहार में पानी मोक्षधाम पार करके सीएल गुप्ता आई इंस्टीट्यूट तक आ गया।
रामपुर शहर की सीमा तक पहुंची कोसी
कोसी की बाढ़ का पानी रामपुर शहर की सीमा तक पहुंचने से लोगों में दहशत है। रामपुर बांध तक नाव चल रही है। शहर की सरहद पर स्थित ग्राम घाटमपुर, हजरतपुर जलमग्न हो गए हैं।
अमरोहा में खतरे के निशान की ओर बढ़ी गंगा
अमरोहा के तिगरी में गंगा खतरे के निशान से केवल 1.70 मीटर दूर रह गई है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से खादर में बेचैनी फैल रही है और गंगा के तटीय इलाके में रहने वालों की नींद उड़ गई है।  दिल्ली लखनऊ रेल ट्रैक के किनारे भी गहरा पानी भर गया है।
संभल में दर्जनों मकान गिरे,संपर्क मार्ग धंसा
पिछले कई दिनों से हो रही बरसात के चलते संभल के असमोली, कुढ़ और चंदौसी इलाकों में एक दर्जन से अधिक मकान गिर गए हैं। इससे लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। उधर, चंदौसी- शाहबाद मार्ग पर गांव कोकावास के पास अरिल नदी के पुल का संपर्क मार्ग धंस गया है।



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इसके अलावा गंगा नदी गढ़मुक्तेश्वर, नरौरा, फतेहगढ़, गुमटिया, अंकिनघाट और कानपुर में खतरे के निशान के नजदीक बह रही है। वहीं, क्वानो नदी का जलस्तर चंद्रदीपघाट (गोण्डा) में और शारदा नदी का जलस्तर शारदा नगर में लाल चिह्न के नजदीक बना हुआ है। इधर, लखीमपुर खीरी से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री योगी ने आज धौरहरा तहसील के बाढ़ प्रभावित गांवों का हवाई सर्वेक्षण किया। बाद में उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि जिले के आठ इलाकों में शारदा तथा घाघरा नदियों की कटान का खतरा है। अधिकारियों से कहा गया है कि वे बाढ़ राहत तथा कटान रोकने के लिये युद्धस्तर पर काम करें।


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मुख्यमंत्री ने गोण्डा जिले में भी कर्नलगंज स्थित एल्गिन-चरसड़ी बंधे का हवाई सर्वेक्षण किया और पाल्हापुर बाढ़ राहत केन्द्र में पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी। एल्गिन-चरसड़ी अस्थाई बांध के कटने पर उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों इस समस्या से स्थायी निजात मिलेगी। योगी ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिये पर्याप्त राहत सामग्री उपलब्ध है। अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि कटान के कारण अपना घर खोने वाले पीड़ितों को प्रधानमंत्री आवास योजना या मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत घर दिये जाएं। इसके अलावा इस आपदा में जिन लोगों के घरों को आंशिक नुकसान हुआ है, उन्हें आपदा राहत कोष से मदद दी जाए।

इस बीच, बदायूं और एटा में बारिश के बीच मकान ढहने की घटनाओं में एक लड़के समेत दो लोगों की मौत हो गयी। बदायूं के इस्लामनगर थाना क्षेत्र स्थित नयी बस्ती के निवासी शब्बीर का मकान आज सुबह बारिश के बीच अचानक ढह गया। उसके मलबे में दबने से शब्बीर के बेटे अहसन (12) की मौके पर ही मौत हो गयी। हादसे में अहसन की मां चांदनी और दो छोटे भाई घायल हो गए। गम्भीर हालत को देखते हुए उन्हें चंदौसी रेफर कर दिया गया है। एटा के मलावन थाना क्षेत्र के जलालपुर गांव में भी हुई ऐसी ही घटना में मकान के मलबे में दबकर पुष्पा देवी (75) नामक वृद्ध महिला की मौत हो गयी।





E&E न्यूज़
रिपोर्ट –शिखा वर्मा 


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