छठ की पूजा -विशेष !जानें विशेष बातें






कार्तिक मास में दीपावली यानी अमावस्‍या के 6 दिन बाद शुरू छठ का पर्व शुरू होता है। पूजा का आरंभ पहले दिन नहाय खाय के साथ होता है। छठी देवी को सूर्य देव की मानस बहन माना गया है, इसलिए इस मौके पर भगवान भास्‍कर की अराधना पूरी निष्‍ठा व परंपरा के साथ की जाती है। यह पर्व पूर्वी भारत में काफी प्रचल‍ित है और मुख्‍य रूप से बिहार, झारखण्ड, 





पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में पूरी आस्‍था व श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। दो दिन तक बिना पानी पिए यह व्रत रखा जाता है। छठ की पूजा में साफ-सफाई और शुद्धता का विशेष ध्‍यान रखा जाता है। इसके साथ ही कुछ पूजा सामग्री ऐसी होती है, जिनके पूजा को पूर्ण नहीं माना जाता। आप भी जानिए ऐसी 5 विशेष चीजों के बारे में ..
11 नवंबर को नहाय-खाय के साथ चार दिनों के छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। यह पर्व उत्तर-पूर्वी भारत में मुख्यतः बिहार, यूपी, झारखंड आदि में बड़ी आस्था से मनाया जाता है। छठ की पूजा में साफ-सफाई और शुद्धता का विशेष ध्‍यान रखा जाता है साथ ही पूजा में उपयोग होने वाली कुछ सामग्री ऐसी होती है जिनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए जानते है क्या है वे चीजें



1. छठ की पूजा में बांस की टोकरी का विशेष महत्‍व होता है। बांस को आध्यात्म की दृष्टि से शुद्ध माना जाता है। 
2. छठ पूजा में ठेकुए का प्रसाद सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। गुड़ और आटेको मिलाकर ठेकुए का प्रसाद बनाया जाता है। इसके बिना छठ की पूजा अधूरी मानी जाती है।
3. छठ की पूजा में गन्ने का भी विशेष महत्व है। अर्घ्य देते समय पूजा की सामग्री में गन्ने का होना जरूरी है। कहा जाता है कि यह छठी मैय्या को बहुत प्रिय है।
4. केला छठी मैय्या की पूजा में बहुत जरूरी है। इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।
5. नारियल छठ पूजा में बहुत जरूरी है इसका भोग लगाने से छठी मैय्या बहुत प्रसन्न रहती है। 
6. छठ मैय्या को डाभ नींबू भी अर्पित किया जाता है। यह विशेष प्रकार का नींबू होता है 
7..चावल के लड्डू छठी मैय्या को खूब प्रिय है। इन लड्डुओं को विशेष चावल तैयार किया जाता है जो धान की कई परतों से तैयार होते 

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