सावन माह प्रारम्भ होते ही सज गए शिवालय

कोंच भारतीय परम्परा के अनुसार सावन का महीना अधिक आध्यात्मिक है जो प्रारम्भ हो चुका है इस माह में शिव की पूजा अर्चना अभिषेक महामृत्युंजय जाप आदि उपासना की जाती है
कहा जाता है कि शिव ने समुद्र मन्थन के समय हलाहल का पान किया था जिससे उनका कन्ठ नीला हो गया था और उनका नाम नीलकंठ पड़ा देवो ने उन पर गंगाजल का अभिषेक किया तभी से सावन में शिव को जल बेलपत्र फूल पंचाम्रत आदि का अर्पण उत्तम माना जाता है। सावन माह का हर दिन महत्वपूर्ण है सोमवार को शिव का विशेष दिन माना जाता है। शिव की पूजा अर्चना की जाती है इसके उपरांत मंगलवार को महिलाये गौरी की पूजा करके परिवार के सुख समृद्धि की कामना करती है।

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