राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त की जयंती पर कवि सम्मेलन सम्पन्न

कोंच- राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त की जयंती पर गहोई सेवा समिति द्वारा स्थानीय गहोई भवन में कवि सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न किया गया जिसमे नगर के कवियो द्वारा रचना पाठ कर राष्ट्रकवि गुप्त जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किये गए
कार्यक्रम को अपने कुशल संचालन के माध्यम से शिक्षक संजय सिंघाल ने मंजिल तक पहुँचाया।
वरिष्ठ कवि रामस्वरूप पंकज ने अपना कविता पाठ करते हुये पढ़ा " नाम जिनके है अमर इंसान वे मरते नही, लक्ष्य पाने के लिये वे मौत से डरते नही"
सरल स्वाभाव के सरल लिखने वाले संतोष जी सरल ने पढ़ा "भारत भारती ने साहस संचार किया था अंग्रेजी सत्ता पर गहरा वार किया था जिस शासन सेदुनिया सारी थर्राती थी उस शासन का रहना ही दुशवार किया।
 गले के जादूगर कवि दिनेश मानव ने अपना रचना पाठ किया "मै हरदम मुस्कुराना चाहता हूँ मै नई दुनिया बसाना चाहता हूँ तेरी दरिया दिली मशहूर है पर उसे मै आजमाना चाहता हूँ।
कई खण्ड काव्यों की रचना करने वाले डॉ हरिमोहन गुप्ता ने पढ़ा उत्साहित जन जन को करके स्वतंत्रता की अलख जगाई। स्वाभिमान हिंदी भाषा में जन मानस तक पहुचाई कवि दिवस के रूप में उनकी जयंती मन रही है विश्व में राष्ट्रकवि माना सभी ने जन जन में पहचान बनाई।
मन्द मन्द मुस्कुराते हुये डॉ एल आर श्रीवास्तव ने पढ़ा यदि बीज बबूल को तूने वो दिया तो तेरी करनी पर अगली पीढ़ी पछताएगी। आने वाला इतिहास तुम्हें माफ़ न करेगा पर पीड़ा को दूर करो जिंदगी कुन्दन बन जायेगी।
माणिक की तरह चमकते हुये भास्कर सिंह माणिक ने पढ़ा अब ईट का जबाब पत्थर देना ही होगा। कमरों से खुलकर टकराना ही होगा। भारत में सुख शांति यदि चाहते है आप मिलकर धरा से आतंक मिटाना ही पड़ेगा। शब्द की महिमा का वखान करते हुये नंदराम स्वर्णकार भावुक ने पढ़ा शब्द ही प्यार है शब्द ही सार है शब्द से ही जगत में चमत्कार है शब्द से ही ये रोशन है सारा जहाँ शब्द मानव के जीवन का आधार है।
प्रतिभा के धनी संजीव सरस ने पढ़ा कि अपने जीवन में जो मुस्कुराते रहे गीत छंद और कविता सुनाते रहे गुप्त जी तो सरस भाव लिखते रहे देश भक्ति के गीतों को गाते रहे।
कम समय में ही साहित्य पटल पर अपना मुकाम बनाने वाले आनन्द शर्मा अखिल ने भी अपना रचना पाठ करते हुये सभागार को तालियों से गूँजने को मजबूर कर दिया शिक्षा के मन्दिर के पुजारी शिक्षक प्रमोद कस्तवार नदीगांव वाले ने पढ़ा बेटी घर की रौनक है,बेटी को बचाना ही होगा बेटी बचाओ अभियान अब हर घर में चलाना ही होगा।
कवि सम्मेलन में वरिष्ठ कवि नरेंद्र मोहन मित्र ,ब्रजेश नायक मृदुल दाँतरे संजय सिंघाल पारसमणि अग्रवाल ने भी अपनी अभिव्यक्ति के माध्यम से राष्ट्र कवि दद्दा जी को नमन किया।

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