विराट कोहली ने रचा इतिहास, सबको किया पीछे पढ़ें पूरी खबर!


अब धोनी-गांगुली नहीं, विराट की कप्‍तानी को लोग रखेंगे याद...

'विराट सेना' ऑस्‍ट्रेलियाई सरजमीं पर सीरीज जीतने वाली पहली एशियाई टीम बन गई है. यह ना सिर्फ कप्‍तान कोहली बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी मील का पत्‍थर है.



बेशक बारिश ने सिडनी में टीम इंडिया को ऐतिहासिक जीत दर्ज करने से रोक दिया हो, लेकिन विराट कोहली सेनाऑस्‍ट्रेलियाई सरजमीं पर सीरीज जीतने वाली पहली एशियाई टीम बन गई है. यकीनन यह कामयाबी ना सिर्फ कप्‍तान विराट कोहली बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी मील का पत्‍थर है. आखिर इस जीत ने विदेशी धरती पर बतौर कप्‍तान विराट कोहली का कद बहुत ऊंचा कर दिया है. जबकि कोहली मौजूदा दौर के सर्वश्रेष्‍ठ बल्‍लेबाज़ हैं और उनकी यही रफ्तार जारी रही तो अगले कुछ साल में क्रिकेट के भगवान माने जाने सचिन तेंदुलकर को भी लोग भूल सकते हैं.हालांकि सिडनी में दो दिन बारिश ने खलल ना डाला होता तो विराट भारतीय क्रिकेट के महानतम कप्‍तान माने जाने वाले सौरव गांगुली से विदेश में टीम को जीत दिलाने के मामले में आगे निकल जाते. दादा और विराट ने विदेश में 11-11 बार विरोधी टीम के दांत खट्टे किए हैं. जबकि सिडनी टेस्‍ट के ड्रॉ होने के कारण विराट टीम को सबसे अधिक टेस्‍ट जीत दिलाने का रिकॉर्ड बनाने से भी चूके गए हैं. पूर्व कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी और विराट ने 26-26 बार टीम को जीत दिलाई है. बेशक धोनी से विराट एक कदम पीछे हैं और उन्‍हें पछाड़ने के लिए 2019 वर्ल्‍ड कप के बाद तक इंतजार करना पड़ेगा, लेकिन उनको भारत का महानतम कप्‍तान कह देना शायद अब कोई अतिश्‍योक्ति नहीं होगी. आखिर इतने विराट आंकड़े रखने के बाद उन्‍हें सलाम करना तो बनता है.

मजेदार बात ये है कि उनकी आधिकारिक कप्‍तानी के जुम्‍मा जुम्‍मा अभी चार साल ही हुए हैं. जी हां, जनवरी, 2015 में इसी सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर धोनी के उत्‍तराधिकारी के रूप में युवा विराट ने टीम की कप्‍तानी संभाली थी. वैसे वह 9 दिसंबर, 2014 से ऐडिलेड में शुरू हुए टेस्‍ट में भी कप्‍तान थे, लेकिन तब उन्‍होंने ये जिम्‍मेदारी धोनी की अनुपस्थिति में संभाली थी. इससे भी हैरानी की बात ये है कि जब विराट को टीम की कप्‍तानी मिली उस वक्‍त भारत दुनिया की सातवें नंबर की टीम थी और अब वह नंबर एक टीम है. और ये सब उनकी कड़ी मेहनत, दमदार कप्‍तानी और साथी क्रिकेटर पर भरोसे के कारण ही संभव हुआ है. हां, कप्‍तानी के पहले 35 टेस्‍ट में 35 बदलाव करने के कारण और कभी किसी खिलाड़ी विशेष को तरजीह देने के कारण उनकी आलोचना भी हुई है, लेकिन क्रिकेट में ऐसा होना लाजिमी है. आखिरी उनके गुरू (धोनी) को भी तो टीम इंडिया को आईसीसी की तीन-तीन ट्रॉफियां दिलाने के बावजूद आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है.

 बहरहाल, खुद विराट ने मौजूदा सीरीज के सिडनी टेस्‍ट के आगाज से पहले कहा, ‘आपका नाम भले ही सम्मान के साथ बोर्ड पर लिखा हो लेकिन अगर आपकी टीम जीत दर्ज नहीं करती तो यह मायने नहीं रखता. अब तक यह बड़ी चीज है, बड़ी सीरीज जीत, सिर्फ मेरे लिए ही नहीं लेकिन पूरी टीम के लिए भी, क्योंकि इसी स्थान पर हमने चार साल पहले बदलाव के दौर की शुरुआत की थी और अब हम अपनी विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं.’यकीनन विराट ने बेशक मैदान के बाहर अपनी बेजा हरकतों ने अपने प्रशंसकों को निराश किया हो लेकिन टीम इंडिया के कप्‍तान के तौर उन्‍होंने हमेशा देश का नाम ऊंचा किया है और यही बात उन्‍हें भारत का सर्वकालिक महान कप्‍तान बनाने के लिए काफी है. जबकि अगले कुछ सालों तक उनकी कप्‍तानी और बल्‍लेबाजी को टक्‍कर देने वाला भारतीय टीम में कोई खिलाड़ी नहीं है.

कोहली का 'विराट' रिकॉर्ड
वैसे कोहली ने 2014 में सिडनी से ही अपनी कप्‍तानी की शुरुआती की थी और तब से लेकर अब तक वह 46 टेस्‍ट में कप्‍तानी कर चुके हैं. इसमें से 26 बार उनकी जीत हुई है तो 10 बार हार का सामना करना पड़ा है. वहीं 10 टेस्‍ट ड्रॉ रहे हैं. कोहली का जीत प्रतिशत 56.52 है, जो कि भारतीय रिकॉर्ड है. अगर जीत की बात करें तो वह धोनी (27 जीत, मैच-60) से सिर्फ वह एक कदम पीछे हैं.

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