जुड़वां बच्चे होने पर दिखते हैं ये लक्षण!

जुड़वा बच्चे दो तरह के होते हैं— एक-दूसरे से अलग दिखने वाले या मैनोज़ाइगॉटिक (monozygotic) या बिल्कुल एक से दिखने वाले जुड़वा या डायज़ाइगॉटिक (dizygotic), मैनोज़ाइगॉटिक जुड़वा बच्चों का निर्माण तब होता है जब एक एग से किसी स्पर्म द्वारा फर्टिलाइज़ किया जाता है, लेकिन दो एम्ब्रीओ निर्माण होता है। इस तरह जन्म लेनेवाले जुड़वा बच्चों की आनुवांशिक संरचना एक ही होती है। जबकि डायज़ाइगॉटिक जुड़वा बच्चे तब बनते हैं जब दो अलग स्पर्म्स दो एग्स को फर्टिलाइज करते हैं और दो अलग दिखनेवाले बच्चे पैदा होते हैं। ऐसे बच्चों की आनुवांशिक संरचना अलग होती है।





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अगर आपके परिवार में पहले भी जुड़वा बच्चे पैदा हो चुके हैं, तो काफी सम्भावना है कि आपको भी जुड़वा बच्चे हों। यह आनुवांशिक प्रवृतियों की वजह से होता है। यही नहीं, अगर आप भी अपने भाई या बहन की जुड़वा हैं तो जुड़वा बच्चों की मां बनने की आपकी सम्भावनाएं काफी बढ़ जाती हैं। हालांकि, ऐसा माना जाता है कि ऐसी सम्भावनाएं माता और उसके परिवार पर आधारित होती हैं, पिता के नहीं।
जहां यह बात प्रचलित है कि उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं के लिए गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है। कुछ स्टडीज़ में ऐसा पाया गया है कि उम्र बढ़ने के साथ आपको जुड़वा बच्चे होने की सम्भावना बढ़ जाती है। दरअसल जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन (follicle stimulating hormone- FSH-) के निर्माण में भी कमी आती है, जो एग ओवरीज़ को ओव्यलैशन के लिए रीलिज़ करने में एक अहम भूमिका निभाता है। तो जैसे-जैसे रीलिज़ होनेवाले एग की संख्या बढ़ने लगती है, वैसे जुड़वा बच्चों के लिए गर्भधारण करने की सम्भावना बढ़ जाती है।

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