पेट गैस (सूजन), आमतौर पर ‘मैत्रीक’ बैक्टीरिया द्वारा बड़ी आंत में बिना पचे भोजन के किण्वन के कारण होती है। किण्वन से गैस पैदा होती है, जिससे आंते सूज जाती है और परेशानी का कारण बन जाती है। भोजन के घटक,जो सामान्यत: मानव पाचन प्रणाली में होते है, उसे पचाने में परेशानी होने लगती है, जिनमें अघुलनशील फाइबर सयन्त्र, फ्रक्टोज की अत्यधिक मात्रा, दूध में मौजूद चीनी(लेक्टोस) और ग्लूटन प्रोटीन शामिल है। गैस पास करने, आहार में बदलाव और कुछ दवाओं के खाने से सूजन से होने वाले दर्द में राहत मिल सकती हैं
गैस पास करने के अन्य विपरीत तरीके पादना और डकारना है. हालाँकि डकार लेने से निचले पेट की गैस पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन यह पेट और उपरी आंत की फालतू गैस से मुक्ति देता है। तरल पदार्थ तेजी से पीने से या जल्दी खाना खाने से, स्ट्रॉ से पेय पदार्थ पीने से, च्युइंग गम और धूम्रपान से गैस बन सकती हैं। डकार के द्वारा जमा गैस को सरलता से, जल्दी से और बिना दर्द के बाहर निकला जा सकता है।अधिक मात्र में कार्बन डाय ऑक्साइड युक्त पेय पीने से पेट फूल सकता है, लेकिन कुछ घूँट पीना डकार लाने में और गैस स्व मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
प्राकृतिक उपचार के तौर पर कभी कभी अदरक, पपीता, नीम्बू पानी और पिपरमेंट का प्रयोग डकार लेने में सहायक होता है।
कुछ लोगो और संस्कृतियो में (परन्तु सभी नहीं) सार्वजानिक रूप से जोर से डकार लेने को पादने के सामान बुरी आदत माना जाता है, अतः ऐसा ध्यान से करें।
गैस पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों से बचें: कुछ खाद्य पदार्थ में गैस बनाने की प्रकृति अधिक होती है क्योंकि उन्हें पचाना मुश्किल होता है या उनमें पेट या आंतों को परेशान करने वाले पदार्थ होते हैं। पेट-फूलने या गैस उत्पन्न करने वाले कुछ खाद्य पदार्थों में सेम, मटर, मसूर, गोभी, प्याज, ब्रॉक्ली, फूलगोभी, आलूबुखारा और मशरूम शामिल हैं।बहुत ज्यादा अघुलनशील फाइबर (ज्यादातर सब्जियों और फलों के छिलकों में पाया जाता है), फ्रक्टोज शुगर (सभी फलों, खासकर बेर में पाए जाता है) और ग्लूटेन (ज्यादातर अनाज जैसे गेंहू, ज्वार, और राई में पाया जाता है) का अत्यधिक सेवन भी पेट फूलने और दस्त का कारण बन सकता है। यदि आप कच्ची सब्जिया और फल खाना पसंद करते हैं तो उनके छोटे छोटे टुकड़े खाएं, धीरे-धीरे चबाएं और पाचन के लिए अधिक समय दें।
- सेलियक रोग से पीड़ित लोग विशेष रूप से ग्लूटन के प्रति संवेशनशील होते हैं। जिससे उनकी आंत में परेशानी व पेट दर्द और सूजन बढ़ जाती है।
- लोगों में सूजन के प्रति संवेदनशील होने का यह कारण हैं कि अन्य पेट के रोग, जिनमे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस/IBS), अल्स्रेटिव क्लोटिस (Ulcerative clotis) और क्रोहन (crohan’s) शामिल हैं।
- पेय पदार्थ जिनसे सूजन बढ़ जाती है, जैसे कॉफी, फ्रक्टोज़-युक्त पेय पदार्थ, बीयर और कृत्रिम शर्करा (एस्पर्टम या सोर्बिटोल/aspartame or sorbitol) के साथ कार्बन डाय ऑक्साइड युक्त सोडा है।
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