पति ने प्रेमिका के साथ किया नंगा नाच

आज औरत की दर्द जो साया बन फिरता है कहीं न कहीं किया गया चुक उसके लिए आपराध को बुलाना यही हुआ रिया (काल्पनिक नाम) निवासी नालासोपारा मुंबई जिसके पति का आकास्मिक मृत्यु साथ में दो बच्चों का भरण पोषण और खुद का यौवन जो एक साथी की तलाश और जिंदगी की चाह को पूरा करता यही सोच बन गया उसकी जिंदगी का गुनाह किसी ने अपना बना कर लूटता रहा उसके अस्मिता को और करता रहा अपनी हवस को पूरा  साथ में बूनता रहा एक नया जाल जो अंधेरे के सन्नाटे को अंजाम देता अपराध की प्रकाष्ठा को जीने की ललच धता बता करता रहा गुमराह रिया को और शिकार बनी रिया भटक रही है गांव गांव गली-गली ,सब एक दर्दभरी दास्तान जो किसी की भूख और जल्दी अमीर बनने की चाहत हीं अजीत दयाशंकर मिश्रा निवासी जौनपुर मढ़िया हूं बटवर ,जौनपुर से मुंबई 2012 में बिल्डर बनने के लिए जाता है और अपने दोस्त पवन मिलन की मदद से पहुंच जाता है रिया की ऑफिस दोनों में बातचीत होती है धीरे-धीरे कर दोनों एक दूसरे के करीब आते हैं और दोस्त बन जाते हैं कुछ समय मिलते ही अजीत मिश्रा ने शादी का प्रपोजल रिया के लिए रखा  कुछ समय लेने की बात का बात को टाल दिया लेकिन माता पिता के द्वारा बनता दबाव जवाब दे जब दोबारा अजीत मिश्रा ने प्रपोजल रखा तो रिया भी हां कह दिया और दोनों की दोस्ती पर परवान चढ़ता रहा दोनों एक दूसरे के लिए जीने मरने की बातें करते रहे और अलग-अलग जगह रुकतेऔर ठहरते रहें, दोनों के बीच का रिश्ता  पति-पत्नी की तरह दोनों का एक साथ जीने मरने की कसमें और वादे लिये लगभग 8 महीने तक चला गया, जब अचानक रिया के जिंदगी में एक बवंडर आता  है रिया को पता चलता है कि अजीत शादी शुदा है मानो रिया का सब कुछ लूट गया हो फिर शुरुआत होती है प्रेम में धोखा के रूप का जो बिगाड़ दिया दो बसी जिंदगी और कर दिया फिर किसी औरत को लाचार, अजीत ने फिर वहां की सारी सच्चाई और पूरे परिवार की उपस्थिति में शादी कर जिंदगी भर साथ निभाने का किया वादा लेकिन समय को कुछ और मंजूर था अजीत के दिमाग में कुछ और चल रहा था एक नया प्लान वह सोच रहा था रिया की संपत्ति कैसे हासिल किया जाए 14 अप्रैल 2015 को प्रॉपर्टी डीलिंग के नाम पर जब रिया को अजीत ने बताया कि एक प्रॉपर्टी लखनऊ में डील करनी है और मुझे वहां जाना है तो रिया ने उसे इजाजत दी, यही शुरुआत होता है अपराध का. कैसे खेलता है यह अपराधी अपने घिनौना खेल कैसे देता है अन्जाम ,देखें ,जाने और  अपराधी अजीत कुमार मिश्रा जो एक फ्लैट की रजिस्ट्री होनी थी अजीत ने दो दिन पहले फ्लैट को अपने नाम व
कर नॉमिनी अपनी पहली पत्नी को बनाया, यही तो शुरूआत होता है रिया के दिमाग में अपने प्रति उसका रुझान और उसकी बेवफाई साथ में ओरिजिनल दस्तावेज के साथ डेढ़ लाख रुपए लेकर अजीत वहां से निकल पड़ा
जाना तो लखनऊ पहुंच गया जौनपुर ,जब नहीं पहुंचा लखनऊ तो रिया को एक अनजान कॉल आता है भाभी आप जौनपुर नहीं आई रिया ने कहा क्यों.. तो उस अनजान व्यक्ति ने बोला अजीत भैया आए हैं या कॉल रिया के एक दोस्त द्वारा किया गया था जो पहले मुंबई में रिया से अजीत के दोस्त बनकर मिल चुके थे फिर रिया के दिमाग में सारी पुरानी बातें ताजा कर गुमराह करने की बात याद आई रिया ने तत्काल अजीत को फोन लगाया और पूछा कि तुम कहां हो आज इतने पुन: झूठ बोला तो मैं लखनऊ में हूं लेकिन whatsapp के और कॉल रिकॉर्ड के माध्यम से जब रिया ने पता लगाया तो उसने बताया कि मेरे पिताजी को हार्टअटैक आ गया था जिसकी वजह से मुझे जौनपुर आना पड़ा तो रिया ने कहा यदि तुम सच कह देते तो तुम्हारा क्या जाता..लखनऊ में जाकर जौनपुर गए यह कोई अपराध नहीं किया तुमने लेकिन तुम झुठ क्यों बोले ...यही से दोनों में वादविवाद स्टार्ट हो जाता है
जब यह बोलता है कि तुम किस से पूछ कर यहां आई थी जब मैंने मना किया था तुम्हें यहां आने से तो तुम क्यों यहां आई थी आपको बहुत ही धक्का पहुंचता है सब रिया ठान लेती है कि नहीं मैं अब शादी करके यहां से वापस जाऊंगी मैं और अजीत ने अपने एक मित्र के साथ रिया को पिक करते हैं और होटल किशन कन्हैया मैं उसको पिक करते हैं , उसी क्षण अजीत मिश्रा अपने दोस्तों के साथ रिया के दोस्तों के साथ एक दूसरे से मारपीट होती है अजीत फिर पिछे पिछे होटल में आ जाता है और फिर वहां पहुंच कर माफी मांगता है रिया को अपना कद और जिंदगी भर साथ निभाने की बात कहता है उसके साथ होटल में जाता है और दोनों एक दूसरे के साथ रात गुजरते हैं और साथ में अजीब खेलता है एक नया खेल जिसकी अपराध की कोई सीमा नहीं होती ,वह बनाता है खुद की अपनी प्रेमिका और पत्नी का mms जो आज की जघन्य अपराध में से सबसे ज्यादा अपराधी की दिमाग और उसकी चाल की हरकत को ब्यान करता है अपराधी ने प्रिया को कोल्ड्रिंग के अंतर्गत दवा डाल उसके साथ संभोग कर बनाया खुद का mms फिर शुरु हुआ यह सिलसिला दगाबाजी
और ब्लैक मेलिंग की  फिर रिया यहां से वापस जाती है !! समझाने बुझाने के बाद उसे तीनों और तत्पश्चात अजीत कुमार मिश्रा अजीत दयाशंकर मिश्रा पहुंच जाता है मुंबई और रिया को भरोसा दिलाता है कि मैं पहले पत्नी छोड़ तुम्हारे साथ ही अपनी जिंदगी जी लूंगा अर्थात अगर तुम नहीं मिले तो मै अपनी जिंदगी का अंत कर दूंगा मै , फिर शुरू करता है अपने खेल का एक नया पहलू और लिखता है एक लाइन औरत माया का यह ग्रुप औरत दया का एक स्वरूप औरत दया की मूर्ति ,फिर वह मान जाती है और जीने लगती है इसके साथ एक जिंदगी लेकिन उसको नहीं पता किस के साथ इस की पहली पत्नी भी पहुंच जाती है वही मुंबई और उसको दूसरे जगह किराए पर रखा रहता है !!  दिन रिया के साथ रात पहली पत्नी के साथ इसके जिंदगी तो मानो  बहारों के साथ बिता रहा हो अचानक एक दिन पहली पत्नी का फोन आता है और रिया को पता चल जाता है फिर रिया इसको बांधकर मारती है तदपश्चात लैटरिंग लगने का बहाना बना यह बाथरूम में घुस जाता है और एसीड पी लेता है तुरंत पुलिस को सूचना दी जाती है सूचना पाकर पुलिस वहां पहुंचती है इसकी बहन का लड़का जो वहां  रहता है जिसका नाम डॉ अभिषेक दुबे वह भी वहां उपस्थित होता है और पूरे परिवार की उपस्थिति में उसकी शादी कराने की बात करता है बात को नहीं समझता !! लेकिन फिर भी अजीब दयाशंकर मिश्रा अपने काम को अंजाम  हासिल करने हेतु  खेलता रहा घिनौना खेल एक दिन तो हद हो गई जब उसने उसकी नौकरानी को 12 बजे रात फोन करके बोलता है कि कल तेरे पास से एक लाख रूपया पहुंच जाएगा तुम्हें उसके खाने में जहर मिलाना है जब यह बात नौकरानी के पति सुनता है तो उसकी रोंगटे खड़े हो जाते हैं और वह अपनी पत्नी से यह काम करने को मना करता है लेकिन नौकरानी की सचाई ने बचा लिया तो फिर और खुल कर आ गई जिदगीं की हकीकत जब यह हकीकत का सामना करने से अजीत बचने की कोशिश करता है तो
रिया को यह पता चल जाता है कि अब अजीत हमारी जिंदगी के साथ खेलना चाहता है तो वह इसे पूरी तरीके से अलग रहने की ठान लेती है वह उसकी जिंदगी से दूर जाने की बात कह कर खुद को अलग कर लेती है लेकिन फिर अजीत एक नया खेल का आरंभ करता है और अपनी बीवी को इसमें शामिल करता है: जब पहली पत्नी ने रिया से ब्यान कि कई साल तक मेरे साथ कोई संभोग नही हुआ मेरे से बात नहीं करते हैं यदि आप उनके साथ नहीं रहोगे तो अपनी जिंदगी का अंत कर लेंगे जिन बातों से वह तरस खाकर उसके साथ बात करने को तैयार हो जाती है लेकिन समय को कुछ और मंजूर था और इतने तो अपनी कहानी की कोई और शुरुआत रखनी थी जब रिया की जान से नहीं खेलते बना तो उसने उसके घर के जानवरों को मारने की शुरुआत भी कर दिया रिया के कुत्ते जिसका नाम यश था उसको उसको पिलाई जहर और कुत्ते का इंतकाल हो गया है तत्पश्चात रिया इससे अलग रहने के लिए अपने मन में ठान लिया है अपने द्वारा दिए गए 25 लाख व अन्य प्रॉपर्टीज कि दस्तावेज जो दोस्ती के नाम पर दिया था उसको वापस लेने की बात कि उसके बाद वहां से अजीत दयाशंकर मिश्रा ने खुद को बचाने हेतु बात कर जौनपुर पहुंचे और रिया भी उसके पीछे-पीछे वहां आई फिर पूरे परिवार के साथ इस रिया को मारने की धमकी दी साथ हि रिया को देख लेने की बात कही रिया ने अपने पैसे वापस लेने हेतु  व ह अपनी सुरक्षा हेतु प्रशासन को आवेदन किया और इसके द्वारा किए गए अपराध की सूचना दी आज fir दर्ज किए हुए तीन दिन हो गए फिर भी यह आपराधि एक चुनौती दे रहा है प्रशासन को और लड़ा रहा अपनी पत्नी को ग्राम प्रधानी का चुनाव जो मडियॉहू के बटवर  नामक ग्राम से प्रत्याशी बन लोगों के बीच में वोट मांग रही है !! आप जाने और देखें कैसे होगा उस बटवर नामक ग्राम का उद्धार जब बनेंगे ऐसे लोग हमारे नेता और कैसे होगा हमारे समाज का विकास जब वैसे समाज के अपराधी जो समाज कोई अपना कहना मान जिंदगी को देते हैं एक नया अंजाम इस कहानी के माध्यम से मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि अपराध कोई भी हो वह छुपता नहीं अपराध कहीं भी हो मगर किसी न किसी दिन वह परदे से बाहर जरूर आता है और अपराधी को उसकी सजा जरूर होती है खुद को सुरक्षित रखने हेतु अपने को सजा के रखना और अपना  खेल को अंजाम देनेवाले व्यक्ती से बचें...!!  धन्यवाद

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