आखिर क्यों लोगो का विश्वास व भरोसा प्रशासन के ऊपर से जनता का टूटता जा रहा ह

ै ,अगर यही आलम रहा तो कहीं न कहीं जिस समाज के नेक काम के लिए गठित किया गया जो समाज को सुचारु रुप से चलने में सहायक साबित करने वाला एक संगठित व्यवस्था प्रशासन के रूप में निर्माण किया गया वह कहीं न कहीं पूरी तरीके से अपने कार्यों की नकारापन की वजह से खुद की मर्यादा और साख को भीअपनी वजूद की प्यास की तलाश में जुटा हुआ दिखाई दे रहा है ..आखिर ये लाचारी का क्या कारण.. आज उत्तर प्रदेश की सरकार मानो यह महसूस कराने पर मजबूर हो रहा है कि यदि आप अपने काम को सही और नित्य दिशा में करने का प्रयास कर रहे हो तो आप के द्वारा किए गए कार्यो पर उंगली उठा कर और आप पर हि उगली उठाकर व भदी तोहमत लगाकर आप के द्वारा किए गए कार्यो को नश्तोनाबूत व  कलम कि आवाज को रौदनें करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है क्योंकि  इनकी दलाली इनकी असली चेहरा पूरी तरीके से कलम की नजर मे होता है..और अधिकारी महोदय जो छेत्र मे अपनी नुमादंगी और सिपेहकारी कायम करने व जिमेदारी तो मानो कोई थोपी गई जबरदस्ती का काम कर रहे है वहि नही क्षेत्र में कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो खुद को यह समझते हैं कि जब तक हम है यहॉ मनमानी चलती रहेगी कोई रोकटोक किया तो सब मैनेज कर लिया जायेगा , तब तक तो हमारी साख और वजूद पर भी कोई उगली नहीं उठा सकता लेकिन जब कलम चलती है तो कल हम यह नहीं देखती कौन बडा और कौन छोटा द़र्द तो द़र्द होता है... और कौन समाज का कुपोषण का शिकार बना रहा है.. यदि वह गलत है तो उसको गलत दिखाने का काम कलम ने बखूबी किया है और यदि वह सही है तो सही काम कराना भी कलम का एक अपना जिम्मेदारी और ताकत रही है आज मानो कलमकार के लिए एक बहुत बड़ी बिडम्बना सी हो गई है यदि वो किसी अधिकारी के खिलाफ कुछ लिखता है यदि किसी अधिकारी खिलाफ कुछ बोलता है तो मानो अपराधी की भॉती वह हो जाता है उनकी कामचोर निगाहों मे
दोस्तों जो आज यह निरंकुशता प्रशासन की अपनी मनमानी कई जगह देखने को मिल रही है अभी पिछले दिनों आप ने देखा कि एक गांव में दरोगा ने किस तरीके से तबाही मचाई और वहां हो रहे  व दरोगा के द्वारा किया गया कार्य वहां की पब्लिक को किस तरीके से परेशान किया जा रहा है और तो और  वहां उपस्थित जनता रात में खेत में सोने पर मजबूर है कई लोगों ने तो वहां पर अपने घर में उपस्थिति तक नहीं हो रही दिया और बाती कौन जलाये.. कई दिनों से और कारण सिर्फ और सिर्फ एक दरोगा की पिटाई उसकी वजह से लोग अपने घर को भी छोड़ चुके हैं क्या है...यहि है उत्तर प्रदेश सरकार ...?? क्या यहि है इसकी शासन व्यवस्था ... क्या हमारे मंत्री साहब को दिखाई नहीं देते ??? उनको अपना खुद की व्यवस्था अगर सही दिशा में जा रही हो तो उनको समाज की व्यवस्था से कोई लेना देना नही बस अपनी बुखार की दवा मिल गई न बस यहि होता है बात  यही नहीं खत्म होती बात आगे देखने के बाद मिलता है जो भी बताने को मजबूर है कि उनके द्वारा रचित कार्यों को सही से आगे बढ़ाने में हमारी प्रशासन भी कहीं कम नहीं है जब भी आप देखने की कोशिश करेंगे अपनी तीखी नजर से हो आपको मिलेगा कहीं ना कहीं प्रशासन उनके द्वारा बनाये गये गणित , किए गए कार्य को आगे बढ़ाने में हुजूरपोशी मे भी सहायक होता है
यदि यही आलम उत्तर प्रदेश सरकार का तो आने वाला समय उत्तर प्रदेश सरकार को जरूर जवाब देगा जो कही न कही उनके साख उनकी पहचान और उनके द्वारा किए गए कार्यों का सम्मान होगा !! जय हिंद जय भारत !! कृष्णा पंडित !!

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