ये है CBI, सच तक पहुंचने के लिए सुनपेड़ गांव जाकर किया सीन रिक्रियेट

ये है CBI, सच तक पहुंचने के लिए सुनपेड़ गांव जाकर किया सीन रिक्रियेट
दिल्ली-फरीदाबाद के सुनपेड़ गांव में 20 अक्टूबर की तड़के हुए अग्निकांड की जांच करने सीबीआइ टीम बृहस्पतिवार दोपहर पीड़ित जितेंद्र के घर पहुंची। टीम ने जितेंद्र के घर में जलाए गए उस कमरे में एक बार फिर वही सीन रिक्रयेट किया, जैसे जितेंद्र ने घटना के बारे में बताया था।
इससे पहले एसआइटी की टीम भी सीन रिक्रयेट कर चुकी है। सीबीआइ 20 अक्टूबर की ताजा घटना के अलावा पिछले साल पांच अक्टूबर को तीन युवकों की चाकू मारकर हत्या किए जाने की भी जांच करेगी। इसी के चलते टीम जितेंद्र के घर जाने से पहले तीनों युवकों के परिजनों से भी मिली और पूछताछ की।
गौरतलब है कि सुनपेड़ अग्रिकांड की जांच के लिए हरियाणा पुलिस की एसआईटी ने शनिवार को गांव का दौरान किया। टीम ने घटनास्थल का बारीकी के साथ मुआयना करने के साथ उस लडक़ी से बातचीत की, जिससे सबसे पहले आग लगते देखा था।
इसके अलावा आरोपी पक्ष की महिलाओं ने शनिवार को एसीपी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा। पीड़ित पक्ष की शिकायत मिलने पर जेल में बंद आरोपियों को यहां से भौड़सी जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है। दूसरी तरफ पीड़ित जितेन्द्र के स्वास्थ्य में सुधार आने पर उसे बीके अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
एसआईटी टीम का हुआ गठन
सुनपेड़ मामले की जांच के लिए हरियाणा पुलिस ने गठित की गई एसआईटी टीम से पीडित जितेंद्र के चाचा हुकम सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आरोपी पक्ष के दबाव में आकर यहां पर घटना वाले दिन उनके एक रिश्तेदार को गार्द इंचार्ज लगा दिया था। इस दौरान मंगलवार रात को गार्द इंचार्ज ने कमरे से काफी समान बदल दिया। इस वजह से सीबीआई को जांच में दिक्कत हो सकती है। पुलिस ने पहले ही सारे सबूत मिटा दिए हैं।
इस कमरे को घटना के तीन दिन बाद सील किया गया। इससे पुलिस की मंशा पर शक नजर आ रहा है। इस मामले को वह सीबीआई के समक्ष उठाएंगे और मंगलवार रात को आरोपी पक्ष के एक रिश्तेदार एएसआई की मौजूदगी की भी जांच कराएंगे। एसीपी बल्लभगढ़ गजेंद्र सिंह ने कहा कि सीबीआई कब से अपनी जांच शुरू करेगी, इस बारे में कुछ भी कहना संभव नहीं है।
रिपोर्ट- ऋषि राज
सड़क पर गूंजीं नवजात की किलकारी, जाम के चलते अस्‍पताल नहीं पहुंच सकी मां
दिल्ली-
यहां के यमुना पुश्ता मार्ग पर लगे लंबे जाम में एक गर्भवती महिला के लिए उस समय मुश्किल खड़ी हो गई, जब वह प्रसव पीड़ा में कराह रही थी। जाम लंबा होने के कारण महिला अस्पताल तक नहीं पहुंच सकी और उसने सड़क पर ही नवजात को जन्म दिया।
इस गाढ़े वक्त के समय वहां तैनात एक महिला सफाइकर्मचारी ने गर्भवती महिला की मदद की। नवजात को जन्म देने के लिए महिला अपनी सास के साथ सरकारी अस्पताल जा रही थी कि अचानक वह जाम में फंस गई। उसे एक निकट के नर्सिंग होम में भर्ती होना था। लेकिन जाम के कारण वह सड़क पर ही अस्पताल का रास्त तय नहीं कर सकी।
उसके हालात देखकर वहां मौजूद लोगों की भी सांसे अटक गई थी, लेकिन जैसे ही बच्चे की किलकारी की आवाज लोगों के कान तक पहुंची, लोग बरबस ही भगवान को धन्यवाद देने लगे। अचेत महिला को बताया गया कि उसने एक बालक को जन्म दिया।
महिला खजूरी के पास पूजा कालोनी की रहने वाली है। महिला का नाम रोशनी है। महिला की हालत अभी गंभीर है। स्थानीय निगम पार्षद रेखा रानी के सहयोग से महिला का इलाज शुरू हो सका।

रिपोर्ट-ऋषि राज

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