जिला पंचायत के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में नही पहुची जिला पंचायत सदस्य नम्रता दीछित
सपा में सब कुछ ठीक न होने का इशारा कर गया शपथ ग्रहण समारोह
उरई(जालौन)। शुक्रवार 14 जनवरी को शपथ ग्रहण के साथ ही जिले की नई जिला पंचायत अध्यक्ष की ताजपोशी हो गयी।
इसके साथ ही नवनिर्वाचित सदस्य भी शपथ लेने के बाद जिला पंचायत के सदन के सदस्य बन गए।
पर इस पुरे कार्यक्रम के दौरान जिला पंचायत सदस्य नम्रता तिवारी दीछित की नामौजूदगी भी चर्चा का विषय बनी रही।
वही शपथ ग्रहण में चुर्खी सीट से सदस्य इच्छाराजे तो शामिल हुयी पर उनके पति सपा नेता नन्हू राजा ने कार्यक्रम से दूरी बनाकर रखी।
शपथ ग्रहण के दौरान यह सब घटनाक्रम इस बात की और इशारा कर गए की सपा में अभी भी सब कुछ ठीक नही चल रहा है।
जिला पंचायत सदस्य के परिणाम घोषित होने के बाद अध्यक्ष पद के लिए सपा से चार नाम प्रमुख रूप से उभरकर सामने आये थे।
इनमे सपा ब्लॉक प्रमुख सुदामा दीछित की पत्नी नम्रता तिवारी,
पूर्व जिलाध्यक्ष नन्हूराजा की पत्नी इच्छाराजा, जिला सचिव अजहर बेग की पत्नी फरहा नाज, सुरेन्द्र यादव की पत्नी सन्ध्या के नाम शामिल थे।
यह अनुमान लगाया जा रहा था की सपा के पूर्व सांसद घनश्याम अनुरागी के मुश्किल समय में उनके साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर चलने वाले सुदामा दीछित की पत्नी को पार्टी का अध्यक्ष पद का अधिकृत प्रत्याशी बनबाने के लिए पूर्व सांसद उनका समर्थन करेगे।
पर राजनितिक नफा के चलते पूर्व सांसद ने सुदामा दीछित के बजाय फरहा नाज का समर्थन किया और किसी तरह वह अपने राजनितिक दांव में सफल भी हो गए।
इस राजनितिक घटनाक्रम के बाद सपा के अंदर भारी असन्तोष व्याप्त हो गया था और पार्टी में स्थानीय स्तर पर कई गुट भी बन गए थे।
हालाँकि पार्टी नेतृत्व की सूझबूझ से पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी फरहा नाज निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हो गयी और उनके खिलाफ पार्टी के किसी भी नेता ने नामांकन भी नही किया।
फरहा नाज के निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद पार्टी के कुछ नेता यह कहने लगे थे की पार्टी में सब कुछ सामान्य है और यही वजह है की पार्टी प्रत्याशी के विरोध में कोई सामने नही आया।
पर शुक्रवार को इन दावों की हवा उस वक़्त निकल गयी जब शपथ ग्रहण के दौरान सपा के ही कुछ दिग्गज कार्यक्रम में नजर नही आये।
जबकि लोगो की निगाहे उन्हें ही ढूंढ रही थी।
शपथ ग्रहण में जिला पंचायत सदस्य नम्रता तिवारी ने हिस्सा नही लिया।
हालाँकि इसकी क्या वजह रही यह तो स्पष्ट नही हो स्का।
पर उनके पति ब्लॉक प्रमुख सुदामा दीछित का भी कार्यक्रम में शामिल न होना एक नई चर्चा को जन्म दे गया।
यह नामौजूदगी ब्लॉक प्रमुख सुदामा दीछित की स्थानीय कुछ नेताओ से नाराजगी भी जाहिर कर रही थी।
वही नन्हू राजाकी भी कार्यक्रम से दुरी ने यह तो साबित कर ही दिया की सपा में इस वक़्त सब कुछ ठीक नही चल रहा है।
अब देखना यह है की पार्टी के अंदर चल रही इस उठा-पटक का अंजाम क्या होता है।
बहरहाल जिले में सपा की अंदरुनी कलह ने विरोधी दलो में उत्साह पैदा कर दिया है।
साथ ही मिशन 2017 के लिए विरोधी दलो को मजबूत होने जा मौका भी दे दिया है।
यह अंदरुनी कलह पार्टी को कितना नुकसान पहुचाती है यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।
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