बिजली कटौती से जनता की हो रही फजीहत

पानी के लिए लोगों को होना पड़ रहा है परेशान

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VARANASI

पीएम नरेंद्र मोदी के शहर को शासन ने अंधेरे में डाल दिया है. जबकि आदेश है कि शहर को फ्क् अक्टूबर तक ख्ब् घंटे बिजली दी जानी है. सुबह दोपहर और रात तीनों वक्त दो से ढाई घंटे की क टौती लगातार जारी है. इसके कारण जनता में हाहाकार मचा हुआ है. कटौती का कारण यह बताया जा रहा है कि सेंट्रल पूल से प्रदेश को बिजली की आपूर्ति नहीं की जा रही है. वहीं अनपरा के पहली उत्पादन इकाई ठप हो गयी. इतना ही नहीं बिजली विभाग अपने कारस्तानी से भी बाज नहीं आता है और लोकल फाल्ट दिखाकर सप्लाई काट रहा है. बिजली कटौती से लोगों को पानी की किल्लत से भी जूझना पड़ रहा है. वहीं ग्रामीण इलाकों में पांच छह घंटे बिजली मिलने से खेतों की सिंचाई का संकट आ गया है.

कटौती का क्या हैं कारण

बिजली विभाग का कहना है कि अनपरा की भ्00 मेगा वाट की पहली इकाई से प्रॉडक्शन पूरी तरह से बंद हो गया है. वहीं डिमांड के सापेक्ष उत्पादन आधा ही है. इसके बाद बिजली विभाग का रोना यह है कि लोड ज्यादा होने के कारण बिजली कटौती करनी पड़ती है. ऊपर से शासन स्तर से रोस्टिंग जारी है.

रात में ही हो रही रोस्टिंग

पिछले एक पखवारे से बिजली आंख मिचौली कर रही है. शासन स्तर से देर रात में बिजली कटौती की जा रही है. कटौती रात में क्क् बजे से लेकर चार बजे के बीच में हो रही है और यही लोगों के सोने का समय है. इसके बाद सुबह होते ही लाइट काटी जा रही है जो वक्त पानी भरने का होता है. कटौती के चलते जलनिगम के पानी की सप्लाई भी प्रभावित हो रही है और लोग पानी की किल्लत झेल रहे है.

चाहिए पांच सौ मिल रही तीन सौ

बनारस के लिए चार सौ से पांच सौ मेगावाट बिजली की रोजाना जरूरत होती है. लेकिन कई कारण के चलते बिजली तीन सौ मेगा वाट ही मिल पा रही है. यहीं कारण है कि शहर में पांच से छह घंटे कटौती की जा रही है. इसके बाद लोड ज्यादा होने के कारण लोकल फाल्ट हो जाते है या लोकल फॉल्ट दिखाकर कटौती की जा रही है.

रात कट रही उमस में

इस मौसम बारिश बहुत कम हुई है. इसके कारण उमस बढ़ गयी है. इसके कारण लोगों की रातों की नींद हराम हो गयी है. इन्वर्टर भी जवाब दे जा रहा है.

विद्युत उत्पादन की इकाई बंद होने के कारण कटौती हो रही है कुछ दिन तक जनता को समस्या होगी. जल्द ही समस्या दूर कर ली जाएगी.

अजय कुमार सिंह, एमडी, पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम
Reporter ankit kushwaha

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