KANPUR: COVER STORY ; आज का मुद्दा

KANPUR: COVER STORY ; आज का मुद्दा

"जिन हाथों मे पढ़ने को किताबें और आंखो में ढेर सारे सपने होने चाहिए"

कानपुर मे जगह जगह मिल जाएंगे आपको ऐसे द्रश्य  । आखिर क्या वजह है की सरकार और कई समाज सेवी संस्थाओं के द्वारा कितने ही कदम उठाये जाते हैं फिर भी ये दृश्य आम हैं । क्या केवल "शिक्षा का अधिकार", "सब पढ़े सब बढ़े","बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" टाइप के कानून या कथन बना देने भर से हमारा काम पूरा हो जाता है। ???
क्योंकि पड़ताल करने पर पता चला की पिता को दिन मे मजदूरी करके सिर्फ 80 रुपये मिलते हैं ।!!! इसके बाद मेरी हिम्मत ने जवाब दे दिया की मैं उस बच्चे से कुछ कह पता।।
मतलब साफ है ।।। उनके पास कोई रास्ता ही नहीं है।।।। दुख इस बात का है की हम एक विकसित भारत का सपना देख रहे हैं और दूसरी तरफ हम अपने यहां काम करने वाले मजदूर को इतने पैसे भी नही देते जितने की अपने बच्चों के लिए चॉकलेट ले जाते हैं!!!
आखिर में बस एक ही सवाल रह जाता है की क्या केवल ये सरकार का ही काम है । एक बार इस बच्चे में अपने बच्चे की शक्ल देखने की कोशिश करिये।।। शायद कुछ बदल जाये।।।
कुछ कदम सरकार ने बढ़ाएं हैं कुछ आप भी बढाइये ।। आखिर आपके भारत के भविष्य का प्रश्न है???

   ---अनुराग बाजपेई

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