केरोसिन से गरीबों के घर रोशन होने की बजाय बस मालिकों की चांदी

केरोसिन से गरीबों के घर रोशन होने की बजाय बस मालिकों की चांदी
रामपुरा-उरई। गरीबों के घर रोशन करने की बजाय सस्ता केरोसिन बड़े लोगों की बसे, जनरेटर व ट्रेक्टर से सिचाई के काम में इस्तेमाल हो रहा है। इसके बदले कोटेदार और अधिकारी जमकर काली कमाई करने में लगे हुए हैं। यही वजह है कि इस पर चाहे जितनी खबरें छपें या शिकायत हो जिला प्रशासन के कानों में जूं नहीं रेंगती।
कस्बे में कोई कोटेदार अपने केरोसिन आवंटन का 25 फीसदी भी कार्ड धारकों को नहीं बांटता। इसके बजाय निर्धारित मूल्य से ढ़ाई गुना ज्यादा ब्लैक वसूल करके केरोसिन बस मालिकों, जमींदारों और सुविधाभोगी धनाढ्यों के हवाले कर दिया जाता है। रामपुरा में कोटेदार 50 रुपये लीटर तक में केरोसिन बेंच रहा है। उसके खिलाफ पूर्ति विभाग में शिकायतें भी पहुंच चुकी हैं लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।खुले आम कहते है कि कोयले की दलाली में सभी शामिल हैं। इसलिए मुझें क्या फिक्र करना। दूसरी ओर जरूरत मंद गरीब भटकते रहते हैं लेकिन अधिकारियों को उन पर तरस नहीं आता। क्षेत्र में नवोदित गठित संस्था भ्रष्टाचार विरोधी युवा वाहिनी ने अब भ्रष्ट कोटेदारों के खिलाफ सीधे एक्शन की रणनीति बनाई है। जिसकी जानकारी से कोटेदार से लेकर डीएसओ गिरीश शुक्ला तक की हवा खराब है।

By - Ramakant Soni

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