...बस थोड़ा सा फर्क है असल और नकल हस्ताक्षर में

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कोंच। जिन चेकों की गुमशुदगी हुई है उनमें निवर्तमान तहसीलदार दुर्गेश यादव के हस्ताक्षरों की नकल हूबहू करने का प्रयास किया गया है और बैंक भी गफलत में पड़ गया जिसके चलते अब तक लाखों रूपये के भुगतान कर दिये गये। दुर्गेश यादव ने तस्दीक की है कि वह अपने हस्ताक्षरों के नीचे सिर्फ यादव के नीचे आधी लाइन खींचते हैं जबकि जिन चेकों से धन की निकासी की गई है उनमें पूरे हस्ताक्षर के नीचे लाइन डाली गई है। दोनों चेकों में देखने पर साफ दिखता है कि नकल बिल्कुल असल की तरह की गई है।

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