सूखा राहत घोटाले के बाद तहसील के सभी काम ठप

* खुद ही सामने आ रहे हैं वे खातेदार जिनके खातों के मार्फत पैसे का खेल खेला गया
* बैंक में अकाउंट से पैसे की निकासी पर लगाई गई रोक
* प्राइवेट कर्मचारियों को भेजा गया छुट्टी पर
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कोंच। तहसील कोंच में सूखा राहत के पैसे को लेकर जो खेल खेला गया और लाखों रूपये का घपला पकड़ में आया है उसके बाद तहसील में हड़कंप की स्थिति है, अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक के हाथ पांव फूले हैं और सभी काम ठप पड़ गये हैं। अब तहसील में एक सूत्रीय कार्यक्रम अभिलेखों को खंगालने और बैंक शाखाओं से स्टेटमेंट निकलवाने का चल रहा है। तहसील में काम करने बाले सभी प्राइवेट कर्मचारियों की फिलहाल छुट्टी कर दी गई है। इस लाखों के गोलमाल में पुलिस की धरपकड़ तेज होने के बाद वे लोग स्वत: ही सामने आने लगे हैं जिनके खातों के मार्फत माफियाओं ने लाखों की धोखाधड़ी करने का खेल खेला है। पुलिस ने आधा दर्जन से भी ज्यादा लोगों को फिलहाल हिरासत में लेकर पूछताछ का काम तेज कर दिया है। तहसील प्रशासन ने अपने सभी अकाउंट्स से पैसे की किसी भी प्रकार की निकासी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

सूखा राहत की बात हो या बाढ और अतिवृष्टि की, जब भी किसानों के लिये सरकारी इमदाद आई है, माफियाओं ने हमेशा खेल खेला है। यह घटना कोंच तहसील के लिये कोई नई घटना नहीं है जब लाखों के वारे न्यारे किये गये हों और बाकई जिन किसानों को यह मदद मिलनी चाहिये थी वे माथा पीटते रह गये। गुजरे सालों में यहां लेखपालों की मिली भगत से भी इसी तरह से खेल हुआ था जिसमें तीन लेखपालों को न सिर्फ जेल की हवा खानी पड़ी थी बल्कि उनको नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा था। लगभग वैसा ही कारनामा इस बार भी हुआ है और इसके तार भी तहसील कार्यालय तक पहुंच रहे हैं। हालांकि इस पूरे मामले को लेकर कोतवाली में दो एफआईआर दर्ज कराई गई हैं, पहली रिपोंर्ट निवर्तमान तहसीलदार जो फिलवक्त उरई सदर का प्रभार देख रहे हैं, दुर्गेश यादव ने दो लोगों पवन रायकवार व राकेश नामक युवकों के खिलाफ कोतवाली में 5 सितंबर को एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद एक सप्लीमेंट्री एफआईआर लेखपाल अभयसिंह जो तहसील कार्यालय से सम्बद्घ हैं और आरके का प्रभार भी देख रहे हैं, की ओर से तीन लोगों पवन रायकवार, उमेशचंद्र पटेल व राकेश के खिलाफ दर्ज कराई गई है।

एफआईआर के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने संदिग्धों की धरपकड़ के लिये अभियान छेड़ दिया है जिसमें अब तक आधा दर्जन से भी ज्यादा लोगों को उठाया गया है, पुलिस उनसे व्यापक पूछताछ कर रही है। इस धरपकड़ का नतीजा यह रहा कि वे खातेदार जिनके खातों के मार्फत माफियाओं ने लाखों रूपये की चपत सरकार को लगाई है, खुद-ब-खुद सामने आने लगे हैं। ऐसे लोगों का तहसील में जमावड़ा लगा है और वे किसी तरह इस मुसीबत से छुटकारा पाने के जतन करने में लगे हैं, यहां तक कि अपनी जेबों से उक्त पैसे की भरपाई भी करने लगे हैं। इन लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दो चार सौ रूपये के लालच में उन्होंने अपने खातों के नंबर्स माफियाओं को दे रखे थे। तीन खातेदार तो ऐसे निकल कर सामने आये हैं जिनके खातों से डेढ डेढ लाख तक की रकम निकासी की गई है। बहरहाल, इस घोटाले के बाद हड़कम्प मचा है और देखना दिलचस्प होगा कि कितनों के गले में फंदा फिट बैठता है।

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