अज्ञात वाहन ने बाइक सवार को मारी टक्कर, जिला अस्पताल में इलाज के अभाव में तोड़ा दम

बाइक सवार की मौत के बाद परिजनों ने काटा इमरजेंसी में जमकर हंगामा, मौजूद स्टाफ की जमकर मारपीट के बाद की तोड़फोड़

माधौगढ़-उरई। थाना क्षेत्र के छिरिया पुल के पास बीती रात एक बाइक सवार को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जानकारी पर परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां डाॅक्टरों उसे मृत घोषित कर दिया जबकि बाद में पता चला उसकी सांसे चल रही थी। परिजनों ने जब डाॅक्टरों से इस पर तीखीं नोंकझोंक की तो वहां मौजूद चिकित्सकों ने उसे झांसी के लिए रिफर कर दिया जिसके बाद उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना से मृतक के परिजन बौखला गये।

जिसके कारण उनके समर्थकों ने अस्पताल की इमरजेंसी में जमकर हगंामा काटा और डाॅक्टरों से मारपीट के बाद वहां तोड़फोड़ कर डाली। घटना के बाद डाॅक्टरों ने किस तरह से इमरजेंसी में ताला डालकर अपनी जान बचाई। सूचना जैसे ही पुलिस को हुई तो कई अधिकारी मौके पर पहुंच गये। बाद में बड़ी जद्दोजहद के बाद स्थिति को नियंत्रण में किया जा सका और शव को कब्जें में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
 थाना क्षेत्र के ग्राम कैलोर निवासी सत्येंद्र सिंह (45वर्ष) पुत्र छत्रपाल बीती रात जालौन से अपनी बाइक पर सवार होकर घर वापस लौट रहा था तभी कमसेरा के पास पढ़ने वाले छपरा पुल के समीप किसी अज्ञात वाहन ने उसकी बाइक में जोरदार टक्कर मार दी जिससे वह गंभीर रूप से घायल होकर सड़क किनारे गिर पड़ा। बाद में वहां से गुजर रहे लोगों ने उसे देखा तो उसकी जानकारी उसके परिजनों को दी।

 परिजनों ने मौके पर पहुंचकर घायल सत्येंद्र को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां तैनात चिकित्सकों ने पहले तो उसे मृत घोषित कर दिया लेकिन जब बाद में साथ में आये लोगो को अंदेशा हुआ कि उसकी सांसे चल रही हैं। तो वे लोग चिकित्सकों से उलझ पड़े स्थिति को देखकर चिकित्सकों ने तत्काल उसे मेडीकल काॅलेज झांसी के लिए रेफर कर दिया। जहां जाने से पहले ही सत्येंद्र ने दम तोड़ दिया। मौत की खबर सुनते ही मृतक सत्येंद्र के परिजनों व तामीरदारों ने इलाज के अभाव में मौत होने का आरोप लगाकर वहां मौजूद चिकित्सक डाॅ. अब्दुल्ला अंसारी चीफ फार्मासिस्ट सहदेव सिंह चैहान, वार्ड ब्आय शिवकुमार व स्वीपर संतोष कुमार के साथ जमकर मारपीट की। साथ ही इमरजेंसी में हंगामें के दौरान तोड़फोड़ भी की गई। मौजूद स्टाफ ने मौका देखकर इंमरजेंसी के दरवाजे पर ताला जड़ दिया और वहां से भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई। बवाल की सूचना जैसे ही अधिकारियों को हुई तो सिटी मजिस्ट्रेट जलराजन चैधरी, मुख्य चिकित्साधिकारी आशाराम, क्षेत्राधिकारी डाॅ. जंगबहादुर यादव, व प्रभारी निरीक्षक दयाशंकर सिंह भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गये। लोगों को समझाबुझा कर किसी तरह मामले को शान्त कराया गया। बाद में पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया।
डाॅक्टरों ने ठप किए अस्पताल
उधर रात की घटना के विरोध में आज सरकारी डाॅक्टरों ने इमरजेंसी सेवा और जिले के सारे अस्पताल बंद करा दिये। जिलाधिकारी रामगणेश व प्रभारी पुलिस अधीक्षक शकील अहमद डाॅक्टरों को मनाने के लिए जिला अस्पताल में चल रहे उनके धरने पर पहुंचे लेकिन डाॅक्टरों ने हमलावरों के गिरफ्तार न होने तक हड़ताल खत्म करने से इंकार कर दिया। दूसरी ओर पुलिस ने रात की घटना को लेकर मृतक के अज्ञात पुत्र व साले ज्ञानेंद्र सिंह और तीन-चार अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का प्रयास, तोड़फोड़, सरकारी कार्य में बाधा डालने व बलवा की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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