बच्चे की स्कूल में 75 प्रतिशत हाजिरी न हुयी तो खत्म होगी पेंशन

गरीबों पर परिवार की हालत सुधारने के लिये सरकार ने थोपी शर्तें

उरई। अगर समाजवादी पेंशन के लाभार्थी के परिवार में 6 से 14 वर्ष तक के ऐसे बच्चे हंै जिनका किसी स्कूल में दाखिला नहीं है तो लाभार्थी को पेंशन गंवानी पड़ सकती है। इतना ही नहीं बच्चे की स्कूल में हाजिरी भी पूरे सत्र में 75 प्रतिशत होनी चाहिये वरना इस आधार पर भी उसकी पेंशन रोक दी जायेगी।
 समाजवादी गरीब पेंशन योजना में इस बार शिक्षा और स्वास्थ्य की शर्ते जोड़ दी गयी है। जिनकी अवहेलना करने पर लाभार्थी को पेंशन से हाथ धोना पड़ सकता है। समाज कल्याण अधिकारी जी.डी.प्रजापति ने बताया कि शिक्षा और स्वास्थ्य की योजनाओं का महत्व मुख्य रूप से गरीबों के लिये हैं ताकि जीवनपयोगी इन सेवाओं का फायदा उठाकर वे अपनी आने वाली नस्लों के जीवन स्तर में सुधार का प्रबंध कर सके। देखा यह जाता है कि नादानी की वजह से गरीब परिवार इन सुविधाओं पर ध्यान नहीं देते जो कि उनके बच्चों के भविष्य के लिये भी घातक सिद्ध होता है।
 उन्होंने कहा कि समाजवादी पेंशन योजना से गरीबों को अपने बच्चों को पढ़ाने के लिये तो बाध्य करने की व्यवस्था की ही गयी है। यह भी दिशा निर्देश जारी किये गये है अगर लाभार्थी के परिवार में 15 वर्ष से ज्यादा के उम्र के कोई लोग अनपढ़ हों तो उन्हें साक्षरता मिशन से जोड़ने की अनिवार्य जिम्मेदारी उनकी होगी। इसी तरह लाभार्थी के परिवार की गर्भवती महिला का प्रसव अस्पताल में ही कराया जाना चाहिये। इस मामले में हुक्मउदूली भी पेंशन समाप्ति का आधार बन जायेगी। दूसरी ओर जो लाभार्थी इन शर्तों को पूरा करने में गंभीर रहंेगें उन लाभार्थियों को इनाम भी मिलेगा। उनकी पेंशन हर वर्ष 50 रूपये महीने के हिसाब से बढ़ा दी जायेगी।

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