अकेला चलता गया और कारवां बढ़ता गया

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आज से करीब 3 साल पूर्व लखनऊ में एक राजनैतिक पार्टी के कार्यालय में इन पक्तियों से मुलाकात करने का अवसर मिला था कि " अकेला चलता गया और कारवां बढ़ता गया तब इस लाइनों को सुनकर सवालों का मकड़जाल बन गया था और पूरी तरह से यह मानने में असमर्थ था कि अकेले चलते चलते कारवां कैसे बढ़ सकता है लेकिन आज इन लाइनों का वास्तविक अर्थ न सिर्फ समझ में आ गया बल्कि प्रयोगात्मक रूप से इसे सत्य रूप लेते हुए देखने का अवसर मिला आज से 1 माह 5 दिन पूर्व E&E वेब न्यूज की नींव रखते समय केवल 2 लोग थे एक मै और दूसरे शाहिद अजनबी भाईजान लेकिन जैसे जैसे E&E का कारवां सफलता के कदम चूमने को बढ़ता जा रहा है वैसे वैसे ही लोग हमारे साथ जुड़ते जा रहे है जिससे E&E वेब न्यूज का परिवार विस्तृत होता जा रहा है। ग्वालियर से आज हमारे साथ राज त्रिपाठी जी भी अपनी टीम के साथ E&E परिवार के सदस्य हो गए है E&E न्यूज को छात्र छात्राओं के लिये उपयोगी बनाने के लिये पोर्टल पर कैरियर को लेकर भी एक विकल्प का सृजन किया जा रहा है जिसका हैड राज जी ग्वालियर को बना दिया गया है वो अपनी कैरियर एक्सपर्ट टीम के साथ इस जिम्मेदारी का निर्वाहन करेंगे


पारसमणि अग्रवाल/रवि यादव
E&E न्यूज

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