सन्यासी को मिलना चाहिए भारत रत्न-बाबा रामदेव

भारत रत्न अवॉर्ड पर चल रहे विवाद में अब योग गुरु बाबा रामदेव भी कूद गए हैं. उन्होंने कहा है कि आजादी के 70 साल बाद भी किसी संन्यासी को यह सर्वोच्च सम्मान क्यों नहीं दिया गया है? ये सवाल उठाते हुए उन्होंने मांग की है क‍ि अगला भारत रत्न पुरुस्कार क‍िसी संन्यासी को म‍िले.
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा,' दुर्भाग्य है क‍ि 70 सालों में एक भी संन्यासी को भारत रत्न नहीं म‍िला. चाहे वह महर्षि दयानंद सरस्वती, स्वामी व‍िवेकानंद हों या श‍िवकुमार स्वामी जी. मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं क‍ि अगली बार कम से कम क‍िसी संन्यासी को भी भारत रत्न द‍िया जाए.
यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात
इससे पहले कर्नाटक में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही जनता दल सेकुलर (जेडीएस) ने भी भारत रत्न के लिए शिवकुमार स्वामी के न चुने जाने पर विरोध दर्ज कराया है. यहां तक कि जेडीएस ने प्रणब मुखर्जी के नाम पर भी ऐतराज जताया. जेडीएस के महासचिव दानिश अली ने कहा था क‍ि यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि बीजू पटनायक और कांशीराम जी से पहले प्रणब मुखर्जी को सर्वोच्च सम्मान के लिए चुना गया. उन्होंने कहा था कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को इसलिए भारत रत्न के लिए चुना गया, क्योंकि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय गए थे.
योग गुरु बाबा रामदेव.
खड़गे ने भारत रत्न पुरस्कार पर उठाए सवाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी भारत रत्न पुरस्कार पर सवाल उठाए थे. खड़गे ने कहा था, "मैं प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने का स्वागत करता हूं, लेकिन शिवकुमार स्वामी जी ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत काम किया, उन्होंने अनाथ लोगों की शिक्षा के लिए काम करते हुए अपना जीवन गुजारा, उन्हें भारत रत्न का सम्मान मिलना चाहिए."

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