अगर आप प्राइवेट जॉब करते हैं तो मोदी सरकार आपको आम चुनाव 2019 से पहले बड़ा तोहफा दे सकती है. सरकार प्राइवेट कर्मचारियों को खुश करने के लिए ग्रेच्युटी को पाने के नियमों में बड़ा फैसला ले सकती है.
दरअसल केंद्र सरकार प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी के लिए ग्रेच्युटी पाने की न्यूनतम समय-सीमा 5 साल से घटाकर 3 साल कर सकती है, जिससे प्राइवेट कर्मचारियों को बड़ा फायदा होगा.
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने प्राइवेट कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का तोहफा देने के लिए मन बना लिया है. इस बारे में लेबर मिनिस्ट्री ने इंडस्ट्री से राय मांगी है. वहीं अगले महीने 4 दिसंबर को नवगठित ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी यानी (सीबीटी) की बैठक होनी है, इस बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की संभावना है.
क्या है ग्रेच्युटी?
ग्रेच्युटी कर्मचारियों को मिलने वाला एक पूर्व-परिभाषित लाभ है. कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का फायदा एक निर्धारित फॉर्मूले के तहत मिलता है. इसके लिए कर्मचारी को कुछ शर्तें पूरी करनी होती है. अगर कोई कर्मचारी किसी संस्थान में लगातार पांच साल तक अपनी सेवाएं देता है तो वो ग्रेच्युटी का हकदार बन जाता है. सरकार इसी को घटाकर 3 साल करने पर विचार कर रही है.
कैसे मिलता है ग्रेच्युटी का फायदा?
अगर कोई किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में लगातार 5 साल तक काम करता है, तो उसे ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है. पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत यह लाभ उस संस्थान के हर कर्मचारी को मिलता है, जहां 10 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. वहीं सरकार ने टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की राशि 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी हैटी के लिए ये नियम खास
अगर कोई किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में लगातार 5 साल तक काम करता है, तो उसे ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है. पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत यह लाभ उस संस्थान के हर कर्मचारी को मिलता है, जहां 10 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. वहीं सरकार ने टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की राशि 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी हैटी के लिए ये नियम खास
अगर आपने किसी कंपनी में 5 साल तक काम कर लिया है तो आप आसानी से खुद आकलन कर सकते हैं कि आपको ग्रेच्युटी में कितनी राशि मिलेगी. ग्रेच्युटी की गणना के लिए एक महीने के काम को 26 दिन के तौर पर माना जाता है. इसी आधार पर 15 दिन की ग्रेच्युटी का गणना किया जाता है. (मासिक वेतन x15)/26. इस संख्या को सर्विस के साल से गुणा कर ग्रेच्युटी की गणना की जाती है. यही फॉर्मूला रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी की गणना के लिए भी अपनाई जाती हैमहीनेभर के अंदर ग्रेच्युटी भुगतान का प्रावधान
कर्मचारी की नौकरी के आखिरी दिन के 10 दिनों के भीतर कर्मचारी को ग्रेच्युटी का भुगतान करना होता है. अगर इसमें 30 दिनों से अधिक का वक्त लगता है तो फिर कर्मचारी को ब्याज समेत जोड़कर मिलता है.
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