पुत्र पैदा करने के घरेलू उपाय ?




भारत ही नहीं विश्व के लगभग हर समाज को हम पुरुष प्रधान कह सकते हैं इसलिए कहीं न कहीं सभी माता-पिता के मन में पुत्र प्राप्ति की चाह रहती है। अधिकांश लोग यही मानते हैं कि लड़कियाँ शादी करके अपने ससुराल चली जाती हैं जबकि बेटा उनके बुढ़ापे का सहारा होता है।इसके लिए लोग विभिन्न प्रकार के लड़का पैदा करने के घरेलू उपाय के बारे में जानना चाहते है
पुरुष के वीर्य में 2 तरह के शुक्राणु होते है ये दोनों तरह के सुक्राणु ही निर्धारित करते है की गर्भ में लड़का बनेगा या लड़की, अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा की ऐसा कैसा होता होगा तो चलिए समझते है
सुक्राणु दो टाइप के होते है जिन्हें साइंस की भाषा में क्रोमोजोम (chromosome) कहते है जो X क्रोमोजोम और Y क्रोमोजोम होते है पुरुष में ये दोनों तरह के क्रोमोजोम पाए जाते है जबकि स्त्री के अंडाशय में केवल दो XX क्रोमोसोम ही होते हैं जब सम्भोग के बाद वीर्य का Y क्रोमोजोम महिला के अंडे (eggs) से मिलता है तब लड़का पैदा होता है और यदि गर्भाधान के समय यदि स्त्री के  X क्रोमोसोम पुरुष के X क्रोमोसोम से मिल जाये तो लड़की का जन्म होता है
इस सर्वमान्य वैज्ञानिक तथ्य यह साबित करता है की लड़की या लड़के के जन्म के लिए पुरुष ही जिम्मेवार है। किसी स्त्री द्वारा लड़के को जन्म न देने के लिए दोषी ठहराना सर्वथा अनुचित है।
पुत्र प्राप्ति के लिए Period शुरू होने वाले दिन से गिन कर चौथी, छठी, 8वीं, 10वीं, 12वीं, 14वीं और 16वीं रात को सम्भोग करना चाहिए. जबकि पुत्री प्राप्ति के लिए 5वीं, 7वीं, 9वीं, 11वीं, 13वीं तथा 15वीं रात को सम्भोग करना चाहिए.
  • अगर आपका Period 10 April को रात 9 बजे शुरू हुआ है तो 11 April को रात 9 बजे आपके Period का एक दिन पूरा होगा.
    ध्यान रखें       आप 11 April को दूसरा दिन न गिनें. Period शुरू होने के 24 घंटे के बाद हीं दूसरा दिन गिनें.
  • अगर आपको बेटा चाहिए तो जबतक गर्भ ठहर नहीं जाता है, तबतक 5वीं, 7वीं, 9वीं, 11वीं, 13वीं तथा 15वीं रात को Sex नहीं करें.
    उसी तरह अगर आपको बेटी चाहिए तो चौथी, छठी, 8वीं, 10वीं, 12वीं, 14वीं और 16वीं रात को गर्भधारण होने से पहले Sex न करें
  • पुत्र की प्राप्ति के लिए पुरुष को शुक्लपक्ष और मासिकधर्म आने के छठे, आठवें, दसवें, बारहवें, चौदहवें और सोलहवें दिन की रात को स्त्री के साथ संभोग करने से 15 से 30 मिनट पहले 2-3 कप चाय या तेज कॉफी पीनी चाहिए। ऐसा करने से लड़का पैदा करने वाले शुक्राणुओं की गति तेज होती है और उनकी जिंदा रहने की ताकत बनी रहती है। इसी तरह लड़का पैदा करने के लिए स्त्री को भी संभोग करने से पहले
    कॉफी का सेवन करना  चाहिए। अगर स्त्री
    कॉफ़ी न ले पाए तो पुरुष को तो कॉफी आदि पी ही
    लेनी चाहिए। संभोग करने के बाद स्त्री को ठंडा
    पानी पीना चाहिए।
  • पुत्र की प्राप्ति के लिए पति को अपने लिंग को
    पत्नी के पृष्ठभाग से योनि में प्रवेश कराना चाहिए। ऐसा करने से (वाई) शुक्राणुओं का स्राव सीधे गर्भाशय के द्वार पर ही होता है। गर्भाशय का वातावरण योनि मार्ग की अपेक्षा ज्यादा क्षारीय होता है। योनि मार्ग के
    अम्लीय वातावरण से ही पुरुष का (वाई) शुक्राणु नष्ट हो जाता है।
  • लडका पैदा हो इसके लिए स्त्री और पुरुष दोनों को ही शुक्लपक्ष की छठी, आठवीं, दसवीं, बारहवीं,
    चौदहवीं और सोलहवीं रात को बार-बार संभोग करना
    चाहिए यानि की एक रात में कम से कम 2-3 बार तो इस क्रिया को करना ही चाहिए। ऐसा करने से शुक्राणुओं की संख्यां बढ़ती है और उन अम्लीय तत्वों को मदद मिलती है जिनसे (वाई) शुक्राणुओं को अगर पति-पत्नी दोनों ही अपनी संतान के रूप में लड़का चाहते हैं तो इसके लिए संभोग क्रिया करते समय पति से पहले पत्नी को ही उत्तेजना की चरमसीमा पर पहुंचना चाहिए। ऐसा अगर संभोग करते समय हर बार हो तो यह लड़का पैदा होने की दृष्टि से बहुत अच्छा रहता है। ऐसे करने से क्षारीय स्राव बढ़कर योनिमार्ग का अम्लीय प्रभाव कम कर देता है जिससे (वाई) शुक्राणुओं को मदद मिलती है और एक्स, वाई आपस में मिलकर लड़का पैदा करते हैं।लाभ पहुंचता है और एक्स, वाई मिलकर लड़के का निर्माण करते हैं।
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