पूर्व प्रधानमंत्री के निधन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐलान किया है कि वाजपेयी की अस्थियों को राज्य के सभी जिलों की प्रमुख नदियों में प्रवाहित किया जाएगा। गौरतलब है कि तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल लंबे समय तक यूपी की राजधानी लखनऊ से सांसद रहे थे। लंबी बीमारी के चलते गुरुवार को दिल्ली के एम्स में उनका निधन हो गया और शुक्रवार को दिल्ली में ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'उत्तर प्रदेश अटल जी की कर्मभूमि रहा है। राज्य के हर क्षेत्र से उनका लगाव रहा है। जनभावनाओं का सम्मान करते हुए देश के सभी जिलों की मुख्य नदियों में उनकी अस्थियां प्रवाहित की जाएंगी ताकि राज्य की जनता को उनकी अंतिम यात्रा से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो सके।'
इससे पहले सीएम योगी ने यह भी घोषणा की थी कि अटल के पैतृक निवास स्थान बटेश्वर, शिक्षा क्षेत्र कानपुर, प्रथम संसदीय क्षेत्र बलरामपुर और कर्मभूमि लखनऊ में स्मृतियों को सजीव रखने के लिए विशिष्ट कार्य किए जाएंगे। राज्य में 07 दिन के राजकीय शोक की अवधि के दौरान सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके (हाफ मास्ट) रहेंगे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'उत्तर प्रदेश अटल जी की कर्मभूमि रहा है। राज्य के हर क्षेत्र से उनका लगाव रहा है। जनभावनाओं का सम्मान करते हुए देश के सभी जिलों की मुख्य नदियों में उनकी अस्थियां प्रवाहित की जाएंगी ताकि राज्य की जनता को उनकी अंतिम यात्रा से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो सके।'
इससे पहले सीएम योगी ने यह भी घोषणा की थी कि अटल के पैतृक निवास स्थान बटेश्वर, शिक्षा क्षेत्र कानपुर, प्रथम संसदीय क्षेत्र बलरामपुर और कर्मभूमि लखनऊ में स्मृतियों को सजीव रखने के लिए विशिष्ट कार्य किए जाएंगे। राज्य में 07 दिन के राजकीय शोक की अवधि के दौरान सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके (हाफ मास्ट) रहेंगे।
E&E न्यूज़
रिपोर्ट
–शिखा वर्मा
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