बौद्धिक विकास में सहायक है इप्टा की कार्यशाला- सरनाम

*इप्टा एक सांस्कृतिक आंदोलन है-सन्तोष*

कोंच(जालौन) अमरचंद्र महेश्वरी इंटर कॉलेज में भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) कोंच द्वारा इप्टा कोंच के संस्थापक स्व०श्री टी०डी०वैद की यादगार स्मृतियों को समर्पित 17 वीं ग्रीष्मकालीन बाल एवं युवा रंगकर्मी नाट्य कार्यशाला में उरई से आये रंगकर्मी सन्तोष कुमार ने कहा कि इप्टा देश का एकमात्र सांस्कृतिक आंदोलन है जो आजादी से लेकर आज तक गरीबों,मजलूमों के हक के लिये संघर्ष कर रही है। इप्टा अपने नाटकों और गीतों के माध्यम से उनकी आवाज बनने का काम कर रही है।
अमरचंद्र महेश्वरी इंटर कॉलेज के प्रबंधक सरनाम सिंह यादव ने कहा कि इप्टा की कार्यशाला बच्चों के  बौद्धिक विकास  में सहायक है। सामाजिक ज्ञान एवं सदाचार से रु-ब-रु कराने का काम भी इप्टा की कार्यशाला करती है जो सुखद एवं सफल जीवन के लिये बेहद ही लाभदायक सिद्ध होगा।
अमरचंद्र महेश्वरी इंटर कॉलेज की प्रबंधकारिणी के  अध्यक्ष संतलाल अग्रवाल ने रंगकर्मियों का उत्साह बढ़ाते हुये कहा कि इप्टा की कार्यशाला में आप सभी रंगकर्मियों की मेहनत सार्थक रूप में नजर आने लगी है।आप सभी इसी मेहनत एवं ईमानदारी के साथ अपना कार्य कीजिये सफलता आपके कदम चूमेगी।
सेठ बद्री प्रसाद स्मृति महाविद्यालय के प्रबंधक आशुतोष हुकां ने रंगकर्मियों को संबोधित करते हुये कहा कि सभी के अंदर कोई न कोई प्रतिभा छुपी रहती है बस जरूरत है उसे निखारने की। इप्टा की कार्यशाला रंगकर्मियों की प्रतिभा को खोजने,निखारने एवं उसे सही मुकाम तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करती है।
इस अवसर पर इप्टा सरंक्षक अनिल वैद एडवोकेट, प्रांतीय सचिव डॉ मु0 नईम बॉबी, कार्यकारी अध्यक्ष सौरभ मिश्रा, महासचिव राशिद अली, सचिव पारसमणि अग्रवाल कोषाध्यक्ष भास्कर गुप्ता, नाट्य प्रशिक्षक पुष्पेन्द्र सिंह, सत्यपाल सिंह, श्लोक दुबे, सागर व्यास, महेंदी प्रशिक्षिका ऋचा गर्ग , आदित्य वैद, ट्रिंकल राठौर, अंकुर राठौर, अमन सोनी, कन्हैया, समीक्षा झा, कोमल, आदर्श, रानी कुशवाहा, प्रगति अग्रवाल, मानसी अग्रवाल, साइना, हनी, वंशिका झा,इसा बेग, वरदान गुप्ता, राजू यादव, अमन अग्रवाल, शिवानी, राज शर्मा, आदि उपस्थित रहे। इस अवसर पर उरई इप्टा के अध्यक्ष देवेंद्र शुक्ल की पुत्रवधू, इप्टा आज़मगढ़ के रंगकर्मी लोक गायक अर्जुन दादा, प्रगतिशील लेखक संघ बीना के अध्यक्ष महेश कटारे सुगम की माता जी के आकस्मिक देहावसान पर दो मिनट का मौन धारण किया गया।

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