पांच श्रेष्ठ रंगकर्मियों को दिये जायेंगे 1000- 1000 रुपए के पुरस्कार

*इप्टा की 17वीं बाल एवं युवा रंगकर्मी नाट्य कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ*

कोंच(जालौन)"गीत, संगीत और नाटक लोगों को जोड़ने का काम करता है | बगैर साहित्य और संस्कृति के मनुष्य बिना पूंछ का पशु है l" उपरोक्त विचार भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा इकाई कोंच के तत्वाधान में अमरचंद महेश्वरी इंटर कॉलेज कोंच में आयोजित 17वीं ग्रीष्मकालीन बाल एवं युवा रंगकर्मी नाट्य कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर अखिल भारतीय स्तर पर इप्टा स्थापना दिवस को जनसंस्कृति दिवस के रुप में मनाते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रभारी निरीक्षक कोतवाली कोंच सत्यदेव सिंह ने व्यक्त किए | उन्होंने कहा कि कोंच में प्रतिभाओं की कमी नहीं है | आवश्यकता है कि उन्हें इप्टा जैसा मंच प्रदान कर निखारा जाए | रंगकर्मियों को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि नन्हे-मुन्ने बच्चों के कार्यक्रमों को देखकर मुझे अपने बालपन की अनुभूति हो रही है | इप्टा कोंच के संस्थापक संरक्षक श्री टी. डी. वैद को समर्पित नाट्य कार्यशाला को  विशिष्ट अतिथि के रुप में संबोधित करते हुए अमरचंद महेश्वरी इंटर कॉलेज कॉलेज के प्रबंधक व समाजवादी नेता सरनाम सिंह यादव ने कहा कि आज के बच्चे कल के भविष्य हैं | अगर उन्हें किताबी पढ़ाई के साथ साथ नैतिक शिक्षा एवं संस्कार प्रदान किए जाएं तो वे भविष्य में  समाजोपयोगी साबित हो सकते हैं | उन्होंने इप्टा के पदाधिकारियों एवं रंगकर्मियों को बधाई दी कि वे विगत 17 सालों से नगर में प्रतिभाओं को तराशने का कार्य कर रहे हैं | कार्यशाला को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश इप्टा के प्रांतीय सचिव एवं इप्टा कोंच के संस्थापक अध्यक्ष डॉ0 मुहम्मद नईम ने इप्टा के इतिहास पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि बंगाल के अकाल के बाद इप्टा की स्थापना 25 मई 1943 को हुई | यह वह दौर था जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा था इप्टा के रंगकर्मियों एवं लेखकों ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अपने गीतों एवं नाटकों के माध्यम से उनका विरोध किया | उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास का पहला सबसे बड़ा सांस्कृतिक आंदोलन इप्टा ही है | इप्टा का मानना है कि कला की असली नायक जनता है |  इप्टा हमेशा जनपक्षधरता की बात करती है | उन्होनें कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर इप्टा की स्थापना के 74 साल पूरे हो गये हैं और अगला साल इप्टा का हीरक जयन्ती वरष होगा| इस अवसर पर जर्मनी में वैज्ञानिक एवं इप्टा कोंच के  रंगकर्मी दीपक मशाल ने कहा कि आज के सामाजिक मूल्यों की गिरावट वाले समाज में इप्टा के द्वारा जो संस्कार बच्चों को सिखाए जा रहे हैं यह अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण हैं|  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इप्टा कोंच  के संरक्षक अनिल वैद्य ने कहा कि इप्टा की हमेशा कोशिश रहती है कि प्रतिभाओं को समुचित प्रोत्साहन प्राप्त हो| उन्होंने इप्टा कोंच के संरक्षक स्वर्गीय श्री टी.डी.वैद की स्मृति में पांच श्रेष्ठ रंगकर्मियों को 1000- 1000 रुपए के पुरस्कार देने की घोषणा की | इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार व रामलीला विशेषज्ञ रमेश तिवारी ने रंगकर्म में इप्टा आंदोलन के योगदान को रेखांकित करते हुए स्थानीय इकाई की भूरि-भूरि प्रशंसा की | कार्यक्रम को आंचलिक पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश उदैनिया एवं अमरचंद महेश्वरी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य वी. अार. वर्मा, संगीत प्रशिक्षक शंभूदयाल पटेल, इप्टा कोंच अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी, हाशिए पर पत्रिका के प्रधान संपादक दीपक राजा ने भी संबोधित किया | अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रेस क्लब कोंच के अध्यक्ष  प्रियाशरण नगायच ने बच्चों के विकास में रंगकर्म को महत्वपूर्ण बताते हुए रंगकर्म को पांचवे वेद की उपाधि देते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति दिन में अनेकों बार अभिनय करता है | हमारा जीवन ही चलती फिरती रंगशाला के समान है | यहां प्रत्येक व्यक्ति अपने किरदार को निभा रहा है | उन्होंने बच्चों  को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कोई भी रोल छोटा या बड़ा नहीं होता, उसे हमें अपने अभिनय के माध्यम से सजीव करना चाहिए |इस अवसर पर रंगकर्मियों अनुष्का श्रीवास्तव, आस्था बाजपेई, रानी, कोमल अहिरवार, आदर्श, सोम हूंका, कन्हैया, लाक्षकार, टिृंकल राठौर, अंकुर राठौर, नमन चतुर्वेदी, सृष्टि चतुर्वेदी, शिवांगी चतुर्वेदी, ऋचा गर्ग, अमन अग्रवाल, अमन कौशिक,  पारसमणि अग्रवाल,  राज शर्मा, वरदान अग्रवाल, प्रमथ बाजपेई आदि ने कृष्ण चंदर द्वारा लिखित नाटक गड्ढा का मंचन किया तथा अनेकों जनगीतों का गायन भी किया | कार्यशाला का शुभारंभ इप्टा कोंच के संस्थापक संरक्षक टी.डी.वैद के चित्र पर माल्यार्पण के द्वारा किया गया | समस्त अतिथियों का स्वागत बैच अलंकरण कर किया गया | तत्पश्चात इप्टा गीत "बजा नगाडा शान्ति का, से हुआ| कार्यक्रम का संचालन सौरभ मिश्रा तथा आभार इप्टा कोंच अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने व्यक्त किया | इस अवसर पर कोषाध्यक्ष भास्कर गुप्ता,  राजू यादव,  इप्टा झांसी से सत्यपाल सिंह, सागर व्यास एवं पुष्पेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे | इस अवसर पर झांसी से प्रकाशित पत्रिका "हाशिये पर" का विमोचन समस्त अतिथियों द्वारा किया गया | कार्यक्रम का समापन जनगीत आजादी ही आजादी से हुआ |

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