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* हत्या करके सीधा कोतवाली पहुंचा अभियुक्त, किया सरेंडर
* घटनास्थल तहसीलदार आवास परिसर में बना सरकारी कर्मचारी आवास
* मृतक की मां तहसील कोंच में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर है तैनात
* मृतक को शक था कि आरोपी के उसकी बहिन से हैं संबंध, इसी को लेकर दी गालियां
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कोंच। बीती रात जब दुनिया जहान नये साल की खुशियां मनाने में मशगूल था तब कोंच में एक दोस्त ने अपने जिगरी दोस्त की चाकुओं से गोद कर निर्मम हत्या कर दी। इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारा सीधा कोतवाली पहुंचा और पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया। जब उसने बताया कि वह हत्या करके आया है तो सहसा पुलिस को विश्वास ही नहीं हुआ लेकिन आरोपी को लेकर जब पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुंची तो देखा कि तहसीलदार आवास परिसर में बने एक सरकारी क्वार्टर में युवक की रक्त रंजित लाश पड़ी थी। हालांकि पुलिस बैड पर पड़े युवक के शव को लेकर सीएचसी पहुंची लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव का पेचायतनामा भर कर पोस्टमॉर्टम के लिये भेज दिया गया है। घटना का कारण बहुत ही मामूली था, मृतक को शक था कि उसकी बहिन के साथ आरोपी के संबंध हैं जिसे लेकर उसने आरोपी के साथ गालीगलौच कर डाली। इतनी सी ही बात पर आरोपी ने घटना को अंजाम दे डाला। पुलिस कप्तान ने भी कोंच आकर घटनास्थल का जायजा लिया है।
बीती रात तकरीबन नौ और दस बजे के बीच जब लोग ठंड के कारण अपने घरों में कैद हो गये तब मोहल्ला सुभाषनगर स्थित तहसीलदार आवास परिसर में बने सरकारी कर्मचारी क्वार्टर जिसमें तहसील में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी किरन श्रीवास्तव पत्नी स्व. नरेशचंद्र श्रीवास्तव अपने दो बेटों अतुल, अंशू और बेटी सोनम के साथ सोने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच अतुल का दोस्त सुशील पुत्र प्रमोदकुमार निरंजन आया और उसने दरबाजा खटखटाया। अंदर से किरन ने पूछा कि कौन है तो उसने नाम बताया और कहा कि अतुल से बात करनी है। चूंकि अतुल और सुशील आपस में गहरे दोस्त थे सो किरन ने दरबाजा खोल दिया। उस वक्त अतुल शराब के नशे में रजाई ओढे बैड पर लेटा था, सुशील ने उसके ऊपर से रजाई हटाई और अपने साथ छिपा कर लाये गये सब्जी काटने बाले चाकू से उसके ऊपर दनादन प्रहार करने शुरू कर दिये। किरन और सोनम ने उससे उलझने की कोशिश की तो उसने उन्हें धक्का देकर गिरा दिया, इस बीच वह सात आठ वार चाकू के कर चुका था। अपने काम को अंजाम देने के बाद सुशील बड़े आराम से घर के बाहर निकला और सीधा कोतवाली पहुंच गया। उसने चाकू मेज पर रखा और बोला कि वह हत्या करके आया है उसे गिरफ्तार कर लो। पुलिस के नाम पर उस वक्त वहां महज एक सिपाही और एक दरोगा ही थे जो उसकी बात सुन कर सकते में आ गये और अनायास ही उन्हें सुशील की बातों पर विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब उसने अपनी बात पर जोर दिया तो हरकत में आये दरोगाजी ने तत्काल कोतवाल रूद्रकुमार सिंह को सूचना दी। सुशील की जामा तलाशी लेने के बाद उसे लॉकअप में बंद कर दिया। कोतवाल स्द्रकुमार सिंह, एसएसआई हरेन्द्रसिंह, दरोगा सलमानअली, राजवीरसिंह, रवीन्द्रकुमार त्रिपाठी, राजेन्द्रप्रसाद द्विवेदी फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे जहां अतुल रक्तरंजित अवस्था में बैड पर पड़ा था। पुलिस उसे लेकर सीएचसी पहुंची जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव का पंचायतनामा भर कर पोस्टमॉर्टम के लिये भेज दिया है। पुलिस कप्तान ने भी मौके का निरीक्षण कर हिरासत में बैठे आरोपी से पूछताछ की। मृतक की मां किरन की तहरीर पर सुशील के खिलाफ हत्या की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
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