रसोई गैस उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर


नई दिल्ली। आज के दौर में चूल्हे पर खाना पकाना देहात के लिए हानिकारक है वही एलपीजी गैस से खाना बनाते समय तमाम सावधानियाँ ध्यान में रखना पड़ता है। आम जनता के लिए यह खबर बेहद जरूरी हो सकती है. रसोई गैस उपभोक्ताओं को कम ही यह जानकारी होगी कि उन्हें एलपीजी गैस पर 50 लाख का बीमा मिलता है. बता दें कि भारत में 14 करोड़ से ज्यादा एलपीजी ग्राहक हैं और इसी साल तकरीबन 25 लाख नए उपभोक्ता इसके ग्राहक बने हैं.

लेकिन कई बार जरा सी असावधानी इन एलपीजी सिलेंडरों को खतरनाक बना देती है जिनमें आग लगने की घटनाएं और जान-माल का नुकसान उठाना पड़ता है. लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि एलपीजी ग्राहक 50 लाख रुपए तक के मुआवजे का हकदार होता है.

दरअसल, पीएसयू ऑयल विपणन कंपनियों जैसे इंडियन ऑयल, एचपीसी तथा बीपीसी के वितरकों को व्यक्तियों और संपत्तियों के लिए तीसरी पार्टी बीमा कवर सहित दुर्घटनाओं के लिए बीमा पॉलिसी लेनी होती है. ये किसी व्यक्तिगत ग्राहक के नाम से नहीं होतीं बल्कि हर ग्राहक इस पॉलिसी में कवर होता है. इसके लिए उसे कोई प्रीमियम भी नहीं देना होता.

दुर्घटना होने पर उसकी ओर से वितरक के माध्यम से मुआवजे का दावा किया जाता है. दावा की राशि बीमा कंपनी संबंधित वितरक के पास जमा करती है और यहां से ये राशि ग्राहक के पास पहुंचती है.

mylpg.in के मुताबिक जैसे ही कोई व्यक्ति एलपीजी कनेक्शन लेता है तो उसे मिले सिलेंडर के चलते यदि उसके घर में कोई दुर्घटना होती है और किसी की जान चली जाती है या फिर घर में किसी तरह की कोई क्षति पहुंचती है तो वह व्यक्ति 50 लाख रुपये तक के बीमे का हकदार हो जाता है. एक दुर्घटना पर अधिकतम 50 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है. दुर्घटना से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को अधिकतम 10 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति दी जा सकती है.

क्लेम प्राप्त करने का तरीका-

एलपीजी सिलेंडर के बीमा का ये कवर पाने के लिए उपभोक्ता को दुर्घटना होने की सूरत में तुरंत इसकी सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन और अपने एलपीजी वितरक को देनी होती है.

एफआईआर की कॉपी, घायलों के इलाज के पर्चे व मेडिकल बिल तथा मौत होने पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र संभाल कर रखें. दुर्घटना की जानकारी मिलने पर, संबंधित क्षेत्र का अधिकारी दुर्घटना के कारणों की जांच करता है. अगर दुर्घटना की वजह एलपीजी है, तो संबंधित रसोई गैस वितरक बीमा कंपनी को इसकी जानकारी देता है.

वही बीमा कंपनी से क्लेम के लिए दावा पेश करता है. वहीं, एलपीजी सिलेंडर में लगा रेगुलेटर हो, ट्यूब हो, गैस लाइटर हो या फिर चूल्हा सभी आईएसआई मार्क वाला ही इस्तेमाल करना चाहिए. आपके घटिया उपकरणों की वजह से दुर्घटना होने की स्थिति में आपका बीमा क्लेम अस्वीकार भी किया जा सकता है. अतः आपको क्लेम पाने हेतु प्रमाणित रेगुलेटर, ट्यूब, गैस लाइटर चूल्हा ही इस्तेमाल करना चाहिए।

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