थाने का थानाध्यक्ष बना लंगूर , सुनी फरियाद, चेक की फाइलें


लखनऊ - प्रदेश के बहराइच जनपद के  बौंडी इलाके में आज जब अपनी समस्याएं लेकर फरियादी पहुंचे तो थाने का नजारा कुछ था , जहाँ थाने में थानाध्यक्ष की कुर्सी पर एक लंगूर बैठा था।लंगूर ने न सिर्फ टेबल पर रखी फाइलें चेक की, बल्कि उन्हें एक-एक करके देखने के बाद दूसरी तरफ भी रखा। करीब आधे घंटे तक वो लंगूर थाने का इंचार्ज बना रहा। उसे वहां से भगाने की किसी भी पुलिसकर्मी की हिम्मत नहीं हुई। लंगूर टेबल पर रखी सारी फाइलें चेक करने के बाद ही थाने से गया। तब जाकर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने राहत की सांस ली।
खबरों के अनुसार जब लंगूर थाने पहुंचा तो कुर्सी पर थानाध्यक्ष साहब बैठे हुए नहीं थे। फिर क्या था, उसने सोचा क्यों न कुछ देर के लिए ही सही थाने का इंचार्ज बन लिया जाए। वो झट से कूदकर कुर्सी पर बैठ गया। उसके सामने टेबल पर कई फाइलें रखी हुई थीं। कुछ देर बाद उसने उन फाइलों को चेक करना शुरू कर दिया। करीब 10 मिनट तक वो फाइलों को देखता रहा। लंगूर को वहां से भगाने की किसी भी पुलिसकर्मी की हिम्मत नहीं हुई। एसओ बृजेश यादव के पहले तो पसीने छूटे, लेकिन बाद में फाइलों को कोई नुकसान न पहुंचे इसलिए उसके पास जाकर बैठ गए।
थानाध्यक्ष बृजेश यादव ने बाद में खुद ही लंगूर को फाइलें सौंपना शुरू कर दिया। इस बीच वहां पहुंचे फरियादी जब अपना प्रार्थना पत्र लेकर एसओ के पास पहुंचे तो लंगूर ने उसे उनके हाथ से लेकर चेक किया और फिर दूसरी तरफ रख दिया। करीब आधे घंटे तक बौंडी थाने में ये सब चलता रहा। लंगूर को न जाता देख एसओ साहब ने उसके लिए बिस्किट समेत खाने की कई सारी चीजें मंगवाईं, लेकिन उसने कुर्सी छोड़ने के लिए किसी तरह की कोई रिश्वत नहीं ली।बौंडी थाने में जब लंगूर पहुंचा तो सारे पुलिसकर्मी डर गए कि कहीं वो फाइलों को नुकसान न पहुंचा दे, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। उसने किसी को नुकसान भी नहीं पहुंचाया। अपना काम पूरा करने के बाद आधे घंटे के लिए थानाध्यक्ष बना लंगूर थाने से चला गया। यहां एसओ बृजेश यादव समेत तीन दारोगा, 20-22  सिपाही और आठ होमगार्ड तैनात हैं। बृजेश यादव ने बताया कि चुनाव के चलते इस समय थाने में करीब 40  होमगार्ड मौजूद हैं।

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