चीनी उद्योग, को-जनरेशन एवं आसवनी प्रोत्साहन नीति-2013 में संशोधन का निर्णय

चीनी उद्योग, को-जनरेशन एवं आसवनी
प्रोत्साहन नीति-2013 में संशोधन का निर्णय

नीति घोषित होने के 03 वर्ष के अंदर कम्पनी/इकाई
द्वारा व्यावसायिक उत्पादन प्रारम्भ किए जाने की शर्त के
स्थान पर न्यूनतम 04 वर्ष का समय निर्धारित

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में पूंजी निवेश को आकर्षित करने हेतु चीनी उद्योग, को-जनरेशन एवं आसवनी प्रोत्साहन नीति-2013 में संशोधन करने का निर्णय लिया है। इसके तहत चीनी मिल की स्थापना के लिए कम्पनी/इकाई द्वारा नीति घोषित होने के 03 वर्ष के अंदर व्यावसायिक उत्पादन प्रारम्भ किए जाने की शर्त के स्थान पर न्यूनतम 04 वर्ष का समय निर्धारित किए जाने का फैसला लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि चीनी उद्योग, को-जनरेशन आसवनी प्रोत्साहन नीति 28 जनवरी, 2013 को घोषित की गई थी। इस नीति के तहत प्रदेश के 24 चिन्हित जनपदों के अतिरिक्त जनपद शाहजहांपुर में भी नई चीनी मिल तथा उसके सह उत्पाद स्थापित किए जाने की व्यवस्था है। नीति में दी गई छूट एवं शर्तों के आकर्षित होकर विभिन्न चीनी मिल समूहों एवं उद्यमियों द्वारा प्रदेश में निवेश किया जा रहा है, जिसमें लगभग 1700 करोड़ रुपए का निवेश सम्भावित है।
दालों हेतु निर्धारित स्टाॅक सीमा को भारत सरकार की
अधिसूचना द्वारा निर्धारित समय सीमा तक बढ़ाने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा-3 के अधीन उ0प्र0 अनुसूचित वस्तु व्यापारी (लाइसेंस देना और अपसंचय पर निर्बन्धन) आदेश, 1989 में इक्यानवां संशोधन करते हुए अधिसूचना दिनांक 01 जून, 2008 द्वारा दालों हेतु निर्धारित स्टाॅक सीमा को भारत सरकार की 30 सितम्बर, 2014 की अधिसूचना द्वारा निर्धारित समय सीमा को 30 सितम्बर, 2015 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इससे सम्बन्धित अधिसूचना के प्रारूप को भी अनुमोदित कर दिया है। इसके तहत दालों का (समस्त प्रकार की दालों सहित) फुटकर विक्रेता 50 कुन्तल, थोक विक्रेता एवं कमीशन एजेंट 1500-1500 कुन्तल तथा विनिर्माता 30 दिन की उत्पादन क्षमता के समतुल्य स्टाॅक रख सकेंगे।
ज्ञातव्य है कि दालों के मूल्य में हो रही अप्रत्याशित वृद्धि के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है।
निर्यात नीति उ0प्र0, 2015-20 को प्रख्यापित करने की अनुमति

निर्यातकों के प्रोत्साहन हेतु उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पहली बार तैयार की गई निर्यात नीति उ0प्र0, 2015-20 को मंत्रिपरिषद ने प्रख्यापित करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश देश के कतिपय ऐसे राज्यों में से एक है, जहां निर्यात संवर्धन के लिए प्रभावी कदम उठाने के उद्देश्य से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग के नियंत्रणाधीन निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो का गठन किया गया है, जिसके द्वारा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन सम्बन्धी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। निर्यात नीति के माध्यम से निर्यात में तेजी और सतत् विकास के लिए उच्च परिणामजनक बुनियादी सुविधाओं का सृजन किया जाएगा। मौजूदा निर्यात परक उद्योगों पर ध्यान केन्द्रित कर उन्हें निर्यात करने के लिए आवश्यक समर्थन प्रदान किया जाएगा। बेहतर निर्यात क्षमता वाले उत्पादों के उद्योगों को प्रोत्साहित करना तथा नई निर्यातोन्मुखी इकाइयों को प्रदेश में अपना आधार स्थापित करने हेतु अनुकूल वातावरण प्रदान करने के साथ-साथ हस्तशिल्प, कालीन और हथकरघा वस्त्र जैसे पारम्परिक निर्यात क्षेत्रों में मूल्य संवर्धन और गुणात्मक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने हेतु प्रौद्योगिकी, डिजाइन विकास और कौशल उन्नयन की व्यवस्था भी इस नीति में की गई है। इस नीति से गैर परम्परागत क्षेत्रों जैसे इलेक्ट्राॅनिक्स और साॅफ्टवेयर, सेवाओं, जैव प्रौद्योगिकी आदि के क्षेत्र में निर्यात की क्षमता बढ़ाने, फूलों की खेती, ताजे फल और सब्जियों, पशु उत्पाद, अन्य प्रसंस्कृत उत्पादों और अनाज सहित कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद के क्षेत्र में निर्यात क्षमता के विकास में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, इस नीति से निर्यात में निरंतर उन्नयन के लिए क्षमता विकास को प्रोत्साहित करने, मूल्यवर्धित उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने, विशेष टेªडों में मानव संसाधन प्रतिभा के पूल के विकास के लिए संस्थागत ढांचा प्रदान करने, निर्यात में निर्बाध विकास के लिए एक सरल, पारदर्शी और उत्तरदायी विनियामक वातावरण विकसित करने के साथ-साथ भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत प्रदेश के निर्यात प्रधान नगरों को ‘उत्कृष्टता के शहर’ योग्य बनाया जाएगा।
जनपद सोनभद्र में कनहर सिंचाई पुनः पुनरीक्षित परियोजना
की अनुमोदित लागत 223934.65 लाख रुपए के व्यय प्रस्ताव मंजूर

मंत्रिपरिषद ने जनपद सोनभद्र में कनहर सिंचाई पुनः पुनरीक्षित परियोजना की अनुमोदित लागत 223934.65 लाख रुपए के व्यय प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि वित्त विभाग के शासनाद ेश दिनांक 26 अगस्त, 2014 के अनुसार परियोजनाओं में व्यय प्रस्तावों का मूल्यांकन, उनके औचित्य का परीक्षण एवं संस्तुति के उपरान्त 200 करोड़ रुपए से अधिक के व्यय के प्रस्तावों पर मंत्रिपरिषद का अनुमोदन अनिवार्य है। जनपद सोनभद्र में कनहर सिंचाई पुनः पुनरीक्षित परियोजना की व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत 223934.65 लाख रुपए है। इस परियोजना को वर्ष 2018 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। परियोजना के पूर्ण होने से लगभग 36,000 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि की खरीफ एवं रबी में सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति
2012 के प्रस्तर 5.7 में आंशिक संशोधन का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति 2012 के प्रस्तर 5.7 में आंशिक संशोधन करने का निर्णय लिया है। इसके तहत मेगा परियोजनाओं के क्षेत्र में विस्तार करते हुए संशोधन किया गया है। इसके्र तहत मेगा परियोजनाओं का तात्पर्य 200 करोड़ रुपए अथवा उससे अधिक निवेश करने वाली निजी क्षेत्र अथवा संयुक्त क्षेत्र (जिसमें शासकीय अथवा शासकीय उपक्रम की पूंजी 49 प्रतिशत अथवा उससे कम हो) की औद्योगिक इकाइयों तथा केवल चिकित्सालयों, मेडिकल/डेन्टल काॅलेजों, शिक्षण संस्थानों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित की जाने वाली शाॅपिंग विलेज की परियोजनाओं से है, जिसमें इनका विस्तारीकरण/विविधीकरण करने वाली इकाइयां/परियोजनाएं भी सम्मिलित होंगी।
किसी विभाग द्वारा मेगा परियोजनाओं के निवेश हेतु विभागीय नीति न होने की दशा में, अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 के प्रस्तर 5.7 के अंतर्गत परिभाषित मेगा परियोजनाएं आच्छादित होंगी।
ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय,
लखनऊ की प्रथम परिनियमावली को प्रख्यापित करने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ की प्रथम परिनियमावली को प्रख्यापित करने का निर्णय लिया है।
ज्ञातव्य है कि उ0प्र0 राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2010 दिनांक 01 अक्टूबर, 2009 को प्रवृत्त किए जाने के फलस्वरूप इस विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी।
पी0सी0डी0एफ0 के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्जीविकरण
के प्रस्ताव पर सैद्धान्तिक अनुमोदन
मंत्रिपरिषद ने पी0सी0डी0एफ0 के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्जीविकरण के प्रस्ताव पर सैद्धान्तिक अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
इसके तहत सहकारी व्यवस्थाओं के दृष्टिगत प्रशासकीय विभाग द्वारा विधिसम्मत सक्षम स्तर से आवश्यकतानुसार अधिनियम/नियमों में संशोधन कराते हुए यथोचित निर्देश एवं गाइड लाइंस यथाशीघ्र निर्गत कराकर मुख्य सचिव को अवगत कराया जाएगा। कालांतर में इन निर्णयों में कार्यहित में परिवर्तन हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर आई0आई0एम0 लखनऊ से पी0सी0डी0एफ0 का विस्तृत अध्ययन कराया गया। किसानों के हित में पी0सी0डी0एफ0 के रिवाइवल हेतु प्रस्ताव तैयार कराया गया है।
वैट अधिनियम की अनुसूची-5 की वस्तुओं पर
अतिरिक्त कर की दर 2 प्रतिशत करने को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश की वित्तीय आवश्यकताओं तथा संसाधनों में वृद्धि के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम, 2008 की अनुसूची-5 की जिन वस्तुओं पर अतिरिक्त कर की दर 1.5 प्रतिशत है उन वस्तुओं पर अतिरिक्त कर की दर 2 प्रतिशत किये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम, 2008 की अनुसूची-5 की वस्तुओं में सीमेन्ट, टायर एवं ट्यूब्स जिसमें ट्रैक्टर के टायर एवं ट्यूब्स शामिल नहीं हैं, एवं प्रोसेस्ड और फ्रोजेन मीट, पोल्ट्री और फिश को छोड़कर अन्य वस्तुओं पर 1.5 प्रतिशत अतिरिक्त कर की दर निर्धारित है। कर की इन दरों में तत्समय से कोई परिवर्तन नही हुआ है। अतिरिक्त कर की यह दर तमिलनाडु में 2 प्रतिशत, आन्ध्र प्रदेश में 2 प्रतिशत, तथा गुजरात में 2.5 प्रतिशत है। अतिरिक्त कर की दर में 0.5 प्रतिशत बढ़ोत्तरी करने से लगभग 160 करोड़ रुपये वार्षिक का अतिरिक्त कर राजस्व प्राप्त होना सम्भावित है।

राजकीय निर्माण एजेन्सियों के मानकीकृत/गैर मानकीकृत भवनों
की लागत सीमा को बढ़ाए जाने का प्रस्ताव मंजूर

मंत्रिपरिषद ने राजकीय निर्माण एजेन्सियों द्वारा किए जा रहे भवन निर्माण के कार्यों के मानकीकृत/गैर मानकीकृत भवनों की वर्तमान में प्रभावी लागत सीमा को बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
इसके तहत राजकीय निर्माण एजेन्सियों द्वारा किए जा रहे भवन निर्माण कार्यों के मानकीकृत/गैर मानकीकृत भवनों की वर्तमान में प्रभावी लागत सीमा को दोगुना बढ़ाए जाने के लिए 12 फरवरी, 2013 के शासनादेश संख्या-ई-8-157 में निर्धारित लागत सीमा को संशोधित किया गया है।
संशोधन के अनुसार प्रथम श्रेणी की राजकीय निर्माण एजेन्सियों-लोक निर्माण विभाग, उ0प राजकीय निर्माण निगम तथा कन्स्ट्रक्शन एण्ड डिजाइन सर्विसेज (उ0प्र0 जल निगम) के मानकीकृत/गैर मानकीकृत भवनों की लागत सीमा पूर्व की भांति असीमित रखी गयी है। द्वितीय श्रेणी की राजकीय निर्माण एजेन्सियों-ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा विभाग, उ0प्र0 समाज कल्याण निर्माण निगम तथा उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के मानकीकृत भवनों की लागत सीमा 25 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये तथा गैर मानकीकृत भवनों की लागत सीमा 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये की गई है। इसी प्रकार तृतीय श्रेणी की राजकीय निर्माण एजेन्सियों-उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट काॅरपोरेशन तथा उत्तर प्रदेश विधायन एवं निर्माण सहकारी संघ (पैकफेड) के मानकीकृत भवनों की लागत सीमा 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये तथा गैर मानकीकृत भवनों की लागत सीमा 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये की गई है।

मैनपुरी बाईपास अन्य जिला मार्ग सिंधिया तिराहे से करहल चैक तक एवं शिकोहाबाद-भोंगांव राज्य मार्ग 84 सिंधिया तिराहा से ज्योति तिराहे तक
04 लेन चैड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण कराए जाने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने मैनपुरी बाईपास अन्य जिला मार्ग (सिंधिया तिराहे से करहल चैक तक) एवं शिकोहाबाद-भोंगांव राज्य मार्ग 84 (सिंधिया तिराहे से ज्योति तिराहे तक) की महत्ता के दृष्टिगत पैसेंजर कार यूनिट के मानक में शिथिलीकरण करते हुए त्वरित आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत इन मार्गों (कुल लम्बाई 4.20 कि0मी0) को 02 लेन से 04 लेन चैड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण कराने जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
राजस्व ग्राम महीउद्दीनपुर कनावनी को जनपद गौतमबुद्धनगर से हटाकर जनपद गाजियाबाद में सम्मिलित करने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने उच्च स्तरीय समिति की संस्तुति के दृष्टिगत राजस्व ग्राम महीउद्दीनपुर कनावनी को तहसील दादरी, जनपद गौतमबुद्धनगर से हटाकर तहसील व जनपद गाजियाबाद में सम्मिलित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है

By- Ramakant Soni (E & E NEWS)

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