दलितों की जमीन खरीदने के नये कानून के विरोध में हंगामी प्रदर्शन

उरई। दलितों को भूमिहीन होने से रोकने के लिये
उनकी जमीन खरीदने पर
प्रतिबन्ध के कानून को खत्म करने के विरोध में खेत मजदूर सभा ने
आज जोरदार प्रदर्शन निकाला। नगर के मुख्य मार्गों से गुजरता
हुआ यह प्रदर्शन कलेक्ट्रेट पहुंचकर सभा में परिवर्तित हो
गया। जिसमें देश प्रदेश में दलित उत्पीड़न
की बढ़ती घटनाओं पर विरोध जताया गया।
सभा को सम्बोधित करते हुये खेत मजदूर सभा के जिलाध्यक्ष
कामरेड उदित नारायण उपाध्याय ने कहा कि एक तरफ जहां केन्द्र
की मोदी सरकार दलितों पर
सीधा हमला बोल रही है
वहीं प्रदेश की सरकार भी
उनकी हकतलफी में पीछे
नहीं है। दलितों की जमीन
खरीदने के लिये गैर दलितों को पहले
जिलाधिकारी से परमीशन लेनी
पड़ती थी। लेकिन नये कानून में राज्य
सरकार ने यह कानून समाप्त कर दिया है। इससे दबंग माफियाओं,
व्याजखोरों और बेनामी प्रापॅर्टी
डीलरों को दलितों की जमीने
हथियाने का रास्ता खुल गया है। भाकपा माले के जिला सचिव कामरेड
काशीराम ने कहा कि राज्य सरकार तत्काल इस दलित
विरोधी काले कानून को रद्द करें। वरना उसके खिलाफ
जिहाद छेड़ दिया जायेगा। एक्टू के जिला संयोजक राम सिंह
चैधरी ने दलितों के हित और सम्मान की
रक्षा के लिये आरपार की लड़ाई की
जरूरत बतायी। किसान महासभा के जिला संयोजक
कामरेड राजीव कुशवाहा ने कहा कि दलितों पर जोर
जुल्म बर्दास्त नहीं किया जा सकता।
प्रदर्शन में लाल झण्डा हाथ में लेकर आक्रामक
नारेबाजी कर रहे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों
और शहर की मलिन बस्तियों से आये
गरीब मजदूर पूरे जोश के साथ शामिल थे। प्रचण्ड
जुलूस के कारण कलेक्ट्रेट में घण्टों अफरा तफरी
की हालत बनी

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