अब नजर नही आएंगे रेलवे स्टेशनों पर जीआरपी थाने :

जयपुर 4अगस्त। प्रदेश में रेलवे स्टेशनों के आसपास खुले जीआरपी पुलिस थानों को जल्द ही बंद किया जा सकता है। इनकी जगह पूरा काम आरपीएफ को सौंपा जा सकता है। फिलहाल ये दोनों सुरक्षा एजेंसियां रेलवे के लिए ही काम करती हैं। इन दोनों को आपस में मर्ज करने के लिए काफी लंबे समय से चर्चा भी चल रही थी।
बताया जा रहा है कि केंद्र की ओर से जल्द ही इन दिनों को आपस में मर्ज भी किया जा सकता है। फिलहाल प्रदेश में बीस से भी ज्यादा स्थानों पर जीआरपी थाने लगे हुए हैं।

👉फिलहाल दोनों के अलग हैं काम....
फिलहाल रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और जीआरपी (गर्वमेंट रेलवे पुलिस) दोनों ही सुरक्षा व्यवस्था और गार्ड का काम करते हैं। आरपीएफ का काम रेल संपत्ति के मामले दर्ज कर उनकी जांच करना है। जबकि जीआरपी का काम ट्रेनों में होने वाले हादसे, अपराध और उनके मुकदमे दर्ज कर अनुसंधान करना है। दोनों एजेंसियों एक-दूसरे पर काम टालने की प्रवृति रखती आई हैं। कई बार मामले दर्ज कराने के लिए पुलिस अधिकारियों तक को दखल देनी पड़ती है।

👉गश्त की समस्या का हो सकता है निदान....
जीआरपी अधिकारियों की मानें तो ट्रेन के डिब्बों में गश्त और सुरक्षा के लिए रेलवे ने कई बड़ी योजनाएं चलाई है। लेकिन मैनपावर की कमी होने के चलते आरपीएफ वाले सुरक्षा को जीआरपी पर टाल देते हैं और जीआरपी वाले आरपीएफ पर। इस कारण से ट्रेनों में सुरक्षा की कमी जारी रहती है। जबकि यह काम मैनपावर के हिसाब से दोनों ही एजेंसियों को सौंपा गया है।

🔹दश भर में दो सुरक्षा एजेंसियां रेलवे के लिए काम कर रही है। दोनों का काम लगभग एक ही तरह का है। रेलवे ने गृह मंत्रालय को दोनों ही सुरक्षा एजेंसियों काम एक से ही कराने के बारे में एक प्रस्ताव तैयार कर भेजा है। इसे जल्द ही अमल में लाया जा सकता है। हो सकता है जीआरपी को आरपीएफ में पूरी तरह से मर्ज कर दिया जाए।

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