फर्जीवाड़े से यूआईटी निरीक्षक बरी ;

बीकानेर 4अगस्त। नगर विकास न्यास के प्रवर्तन निरीक्षक श्रीलाल जोशी के खिलाफ मिट्टी उठवाने को लेकर फर्जीवाड़ा करने के आरोप प्रमाणित नहीं पाए गए हैं।
इस आधार पर उसे दोषमुक्त कर दिया गया है। विशिष्ट अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पीसीपीएनडीटी मामलात सुशीलकुमार जैन ने आईपीसी की धारा 420,467,468 व 471 तहत बीस साल पुराने प्रकरण पर निर्णय सुनाया।

 अदालत ने माना कि अभियोजन पक्ष आरोप को संदेह से परे साबित करने में अभियोजन पक्ष विफल रहा। इस कारण आरोपित को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त किया गया।
 यह मामला नगर विकास न्यास के ही तत्कालीन मुख्य विधि सहायक हजारी रामज्याणी ने सदर थाने में एक अक्टूबर1995 यह मामला दर्ज कराया था।

 रिपोर्ट में कहा गया कि सुभाषमार्ग से चौखूंटी रोड तक मिट्टी उठवाने के लिए जिन वाहनों के नंबर दिए वे मोटरसाइकिल व स्कूटर के निकले।
 इस प्रकार प्रवर्तन निरीक्षक फर्जीवाड़े से पद का दुरुपयोग कर सरकार को बीस हजार रुपए की हानि पहुंचाई। पुलिस ने अनुसंधान में आरोप प्रमाणित मान चार्जशीट पेश की।
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