चेकडैम से हुई तबाही देखी तहसीलदार ने

* मामला ग्राम पहाडग़ांव में जलप्लावन से फसलों की हुई तबाही का
* तहसीलदार ने माना, चेकडैमों का निर्माण गलत ढंग से किया गया
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कोंच। दो दिन पूर्व तहसील क्षेत्र के ग्राम पहाडग़ांव में दो चेकडैमों में माइनरों के पहुंचे पानी के ओवरफ्लो होने के कारण तकरीबन चार दर्जन किसानों की तीन चार सौ बीघे खेतों में अथाह जलराशि उमड़ पड़ी और खेतों में बोई गई तिली की फसलों को बर्बाद कर दिया है। सूचना पर तहसीलदार जितेन्द्रपाल अपने अधीनस्थ स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने किसानों की शिकायत को सही ठहराते हुये कहा है कि चेकडैमों का निर्माण गलत ढंग से किये जाने के कारण खेत तालाब बने हैं।


दो दिन पहले पहाडग़ांव में किसुनपुरा व महलुआ माइनरों के बेसी पानी से फुलगेज हुये नाला ने ओवरफ्लो होकर खेतों को रौंद डाला था। इस स्थिति को लेकर किसान पहले से ही आरोप लगाते आ रहे हैं कि चेकडैमों का निर्माण ही गलत तरीके से हुआ है जिसके कारण रामप्रसाद बाबा के खेत तथा साहबसिंह के खेत में बने चेकडैमों की बजह से वहां के लगभग तीन सौ से लेकर चार सौ बीघे खेतों में जलप्लावन की स्थिति बन गई। इस जलराशि ने अरविंद तिवारी, जयकिशन याज्ञिक, मुन्ना रायकवार, रामगुलाम, मूलचंद्र वर्मा, रामकुमार, विजय किशोर, अशोक, प्रेमनारायण, संतोष, घनाराम, तुलसीराम, जगदीश, जमुनाप्रसाद, लालू, रामप्रकाश, भगवान दास, गोविंद दास, चंद्रभान आदि चार दर्जन से भी अधिक किसानों की फसलें चौपट कर के रख दी हैं।

फसलों के इस नुकसान का जायजा लेने तहसीलदार जितेन्द्रपाल अपने अधीनस्थ अमले कानूनगो और लेखपाल के साथ गांव पहुंचे और स्थिति का अवलोकन करने के बाद माना कि किसानों की शिकायत जिसमें उन्होंने गलत ढंग से चेकडैम निर्माण की बात कही है, को जायत ठहराया है। उन्होंने कहा है कि वह अपनी रिपोर्ट बना कर भेज रहे हैं। फसल नुकसान को लेकर उन्होंने दो टूक कहा है कि इसमें किसी भी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है।

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