ऱजिस्ट्री दफ्तर में आगजनी का मामला गहराया

 बिजली विभाग ने दी रिपोर्ट, शॉर्ट शर्किट से नहीं लगी आग

0 क्या मामले की एफआईआर दर्ज करायेंगे विभागीय उच्चाधिकारी..?

कोंच-उरई। पिछले दिनों कोंच के रजिस्ट्री दफ्तर में लगी आग का रहस्य अब और भी गहरा हो गया है। विद्युत विभाग के जेई द्वारा इस अग्नि काण्ड को लेकर दाखिल की गई रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि आग का कारण बिजली का शॉर्ट सर्किट नहीं बल्कि कुछ और है। अब इस कुछ और के मायने क्या हो सकते हैं, यह जांच का विषय है। बिजली विभाग की इस रिपोर्ट ने सब रजिस्ट्रार के माथे पर पसीना ला दिया है क्योंकि वह जल्दी से जल्दी पुलिस से जांच रिपोर्ट लेने के लिये कोतवाली के कई चक्कर काट चुके हैं। आग कैसे लगी, इस सवाल को लेकर विभाग के आला अधिकारियों को चाहिये कि पहले तो मामले की रिपोर्ट दर्ज करायें, इसके बाद जांच में जितनों की कॉलर पकड़ में आती है उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये। इस अग्निकांड में तमाम गोपनीय और अति महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जले हैं जो न जाने कितनों के हितों को प्रभावित कर सकते हैं, और लगता भी यही है कि कहीं न कहीं किसी को उपकृत करने के लिये इतने बड़े कांड को अंजाम दिया गया है।
सूत्र बताते हैं कि विगत महीनों में कोई बड़ी लिखा पढी जरूर की गई है जिसमें या तो फर्जी बैनामा होने अथवा स्टाम्प चोरी का अंदेशा है। शायद इसी कोे दबाने और बैनामा के रिकार्ड मिटाने के लिये यह सब कुछ किया गया हो। हालांकि अभी इसके प्रमाण उजागर नहीं हुये हैं।

अग्निकांड के वक्त सब रजिस्ट्रार कोंच प्रमोद कुमार यादव ने शार्ट सर्किट से आग लगने का बता कर पल्ला झाड़ लिया था। लेकिन अब जो बाते सामने आ रही है उससे लगता है कि इस अग्निकाण्ड के पीछे कोई गहरा रहस्य है। मौका मुआयना करने आये डीआईजी निबंधन राहुल कुमार गुप्ता ने सच्चाई का पता लगाने के लिये विभागीय एआईजी कृष्णपाल सिंह को जांच करने के आदेश दिये थे जिसमें जांच अधिकारी ने सब रजिस्ट्रार कोंच से जले हुये रिकार्ड का ब्यौरा व विद्युत विभाग की रिपोर्ट मांगी थी जबकि जेई विद्युत अमित कुमार शर्मा ने जांच अधिकारी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि आग शॉर्ट सर्किट से नहीं लगी है।

 इस रिपोर्ट के आने के बाद सबरजिस्ट्रार कार्यालय में हड़कंप की स्थिति है और दफ्तर से जुड़े लोग अपनी खाल बचाने की जुगत में जुट गये हैं। पुलिस सूत्र बताते हैं कि सबरजिस्ट्रार ने पुलिस जांच की रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराने के लिये कोतवाली के कई चक्कर काटे हैं लेकिन उन्हें रिपोर्ट इसलिये नहीं उपलब्ध हो सकी है कि संबंधित पुलिस अधिकारी अपनी जांच अभी पूरी ही नहीं कर पाया है। एआईजी ने भी स्वीकारा है कि विद्युत विभाग से रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है जिसमें स्पष्ट है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट नहीं है और कहा कि पुलिस रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होगी। हालांकि विभाग द्वारा फौरी तौर पर एक सूचना पुलिस को दी गई थी लेकिन एफआईआर नहीं दर्ज कराई गई थी। यहां बड़ा सवाल यह है कि इतने बड़े मामले की एफआईआर अभी तक दर्ज क्यों नहीं करायी गयी। एआईजी ने कई महत्वपूर्ण रिकार्ड जलने की बात स्वीकारी है

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