एक्सक्लूसिव: कश्मीर की जेल में बंद आतंकियों की रिहाई के लिए धन मुहैया कराता है सैयद सलाहुद्दीन

पाकिस्तान अपनी जमीन से भारत में आतंकवादियों को मदद पहुंचाने की बात से भले ही इनकार करता हो लेकिन कश्मीर की जेल में बंद आतंकवादियों को वह नियमित रूप से धन मुहैया कराता है। इस बात की पुष्टि हिज्बुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन और श्रीनगर की एक जेल में बंद आतंकवादी के बीच फोन पर हुई बातचीत से हुई है। बातचीत में सलाहुद्दीन ने जम्मू-कश्मीर की जेल में बंद आतंकवादियों की रिहाई के लिए पैसे भेजने का वादा किया है।

टेप में रिकॉर्डेड बातचीत के अनुसार श्रीनगर की जेल में बंद मंजूर अहमद वानी हिज्बुल मुजाहिदीन के सरगना सलाहुद्दीन से तीन से चार लाख रुपए की मांग करता है। वानी ने सलाहुद्दीन को बताया कि जेल में बंद नौ लोगों की रिहाई के लिए एक वरिष्ठ वकील की व्यवस्था करनी होगी और इसके लिए पैसों की जरूरत होगी। इस पर सलाहुद्दीन ने वानी को मदद करने का भरोसा दिया। सलाहुद्दीन ने वानी से कहा, 'परेशान न हो भाई, स्थिति नियंत्रण में है. मैंने उपयुक्त व्यक्ति से बात कर ली है। हमने पूरे मामले को देखा है, इसके लिए किसी को तय किया है और उन्हें पैसे मिल जाएंगे।'

सलाहुद्दीन ने आगे कहा, 'यह हमारा कर्तव्य है, चूंकि संदेशों के साथ यह मामला मेरे ध्यान में पांच दिन पहले आया और मेरे पास इन लोगों के नाम भी हैं। जिस व्यक्ति को यह काम करने के लिए तय किया गया है उसने इस काम को पूरा करने के लिए हामी भर दी है।'

गौरतलब है कि 28 नवंबर 2014 को सैयद सलाहुद्दीन और मंजूर अहमद वानी के बीच टेलीफोन पर हुई इस बातचीत की प्रामाणिकता की पुष्टि गुजरात स्थित फोरेंसिक लैब ने की है। इस ऑडियो रिपोर्ट की अतिरिक्त जांच 19 फरवरी 2015 को की गई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2002 में सलाहुद्दीन को 20 'सर्वाधिक वांछित व्यक्तियों' में से एक घोषित किया है।

टेप में यूनाइटेड जेहाद काउंसिल (यूजेसी) के चेयरमन सलाहुद्दीन ने कश्मीर में अपने साथी आतंकवादियों के बारे में पूछा। इस पर वानी ने अपने जवाब में कहा, 'हां, आपकी दुआ से सबकुछ ठीक है।'

सलाहुद्दीन और वानी के बीच फोन पर हुई इस बातचीत को खुफिया एजेंसियों ने पकड़ा। टेप में रिकॉर्ड आवाज सलाहुद्दीन और वानी की है कि नहीं, इसकी सत्यता जांचने के लिए एनआईए ने टेप को गुजरात स्थित फॉरेंसिक लैब भेजा।

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