रक्षा सूत्र बांध दीर्घायु की कामना

कोंच। भाई बहिन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन त्योहार यहां परम्परागत रूप से हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहिनों ने भाई की कलाइयों पर रक्षासूत्र बांधा और माथे पर तिलक लगा कर उनके दीर्घायु होने की कामना की, तो वहीं भाइयों ने भी बहिनों की रक्षा का वचन देते हुये उन्हें उपहार दिये। रक्षाबंधन पर्व विप्र समुदाय से जुड़े होने के नाते शनिवार को रामकुंड पर श्रावणी पर्व मनाया गया जिसमें ब्राह्मïण समाज के लोगों ने श्रावणी उपाकर्म सम्पादित किये।

आदि काल से चली आ रही परम्परा को आगे बढाते हुये शनिवार को रक्षाबंधन पर्व यहां उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। दैनंदिन कार्यों से निवृत्त होकर लोगों ने मंदिरों में जाकर भगवान की पूजा अर्चना की और पहली राखी भगवान को ही समर्पित की। इसके बाद नये लकदक कपड़ों में सजे भाइयों की कलाइयों पर बहिनों ने प्यार के दो धागे बांध कर भाई बहिन के पवित्र प्यार को और भी मजबूत किया।

 रक्षासूत्र बांध कर बहिनों ने उनके माथे पर तिलक किया और मुंह मीठा करा कर उनकी लम्बी आयु की कामना की। भाइयों ने भी बहिनों को बेशकीमती उपहार भेंट किये तथा हर पल उनकी रक्षा करने का वचन दिया। बाजारों में आज त्योहार की बजह से रौनक कम दिखी और राखियों तथा मिठाई की दुकानों पर ही थोड़ी बहुत ग्राहकी दिखी। यही एक ऐसा त्योहार है जिस पर शादीशुदा बहिनें भी बिन बुलाई दौड़ी भाई के घर चली आती हैं और भाइयों को स्नेह भरा रक्षासूत्र बांध कर भाई बहिन के रिश्ते को और भी प्रगाढता प्रदान करती हैं। इस पर्व पर लोगों ने मंदिरों में भी जाकर मत्था टेका और ईश्वर से घर में सुख शांति बनाये रखने की कामना की।

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