अशोक गहलोत बोले- मुख्यमंत्री बनना नहीं, कांग्रेस को सत्ता में लौटाना लक्ष्य!

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि वह किसी पद को प्राथमिकता नहीं देते और मुख्यमंत्री पद के संबंध में पार्टी आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे। गहलोत ने राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस की जीत होने की स्थिति में खुद को मुख्यमंत्री पद की होड़ से अलग नहीं किया और पीटीआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि पार्टी के हित में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपेंगे, उसके लिए वह तैयार हैं।




कांग्रेस महासचिव गहलोत ने कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष मुझे जो भी जिम्मेदारी सौंपेंगे, उसके लिए मैं तैयार हूं। मैं किसी भी पद के लिए किसी तरह की लॉबिंग के खिलाफ हूं। मैंने कभी लॉबिंग नहीं की, यहां तक कि उस समय भी नहीं, जब मैं मुख्यमंत्री के रूप में असंतोष का सामना कर रहा था। अगर वे (आलाकमान) पार्टी के हित में मुझे राजस्थान भेजते हैं तो यह उनका निर्णय होगा।'
उन्होंने कहा कि पांच बार लोकसभा सदस्य, तीन बार केंद्रीय मंत्री और दस साल तक राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में अपने लंबे राजनीतिक सफर के साथ वह काफी संतुष्ट हैं। उनसे सवाल किया गया था कि अगर कांग्रेस राजस्थान विधानसभा में जीत हासिल करती है तो क्या वह मुख्यमंत्री पद की होड़ में शामिल होंगे।, इसके जवाब में गहलोत ने कहा कि मेरे लिए कोई पद प्राथमिकता नहीं है। मैं अपनी राजनीतिक पारी से काफी संतुष्ट हूं और अब मेरे सामने सवाल यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी को पहले राजस्थान में और फिर देश में सत्ता में कैसे लाया जाए। मुझे जो भी जिम्मा सौंपा जाएगा, उसे मैं स्वीकार करूंगा।
यह पूछे जाने पर कि राजस्थान में चुनाव लड़ रहे सभी वरिष्ठ नेता चुनावों के बाद सत्ता की दौड़ को तेज करेंगे, गहलोत ने कहा, 'मुख्यमंत्री के मुद्दे को पार्टी आलाकमान द्वारा सौहार्द्रपूर्ण तरीके से हल किया जाएगा और यह फैसला तीन आधारों- पार्टी का हित, आम लोगों और विधायकों की भावनाएं, पर किया जाएगा। कोई समस्या नहीं होगी। आलाकमान का निर्णय सभी को स्वीकार्य होगा...वे जो कुछ भी तय करेंगे, वह सबको स्वीकार्य होगा।'
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के मुद्दे को राजनीतिकरण कारणों से हवा दी है। यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके या सचिन पायलट के अलावा कोई नया चहेरा होगा, गहलोत ने कहा कि यह पार्टी आलाकमान फैसला होगा।
इस सवाल पर कि मध्य प्रदेश के विपरीत राजस्थान में सभी राज्य नेता चुनाव लड़ रहे हैं, उन्होंने कहा कि यह फैसला कांग्रेस अध्यक्ष ने किया है और उन्होंने इसका स्वागत किया है। गहलोत ने कहा कि राजस्थान में राजनीति अलग है और कांग्रेस नेतृत्व का मानना ​​है कि सभी नेता जो चुनाव लड़ना चाहते हैं, उन्हें लड़ना चाहिए। मैं चाहता हूं कि राजस्थान और पूरे देश में पार्टी का झंडा ऊंचा रहे क्योंकि मौजूदा माहौल देश के लिए खतरनाक है तथा लोग चाहते हैं कि कांग्रेस राज्य और केंद्र दोनों स्थानों पर सत्ता में लौटे।

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