एन डी तिवारी का निधन

नई दिल्ली. 






कांग्रेस नेता एनडी तिवारी का गुरुवार को दिल्ली के निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे। 1925 में आज के ही दिन तिवारी का जन्म हुआ था। वे पहले ऐसे नेता थे, जो दो राज्यों के मुख्यमंत्री बने। तिवारी 1976-77, 1984-85, 1988-89 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 2002-2007 तक वे उत्तराखंड के सीएम रहे। वे 2007 से 2009 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे।
राजीव सरकार में विदेश और वित्त मंत्री भी रहे, बाद में बनाई अपनी पार्टी
राजीव गांधी सरकार के दौरान तिवारी 1986-87 तक विदेश मंत्री और 1987-88 तक वित्त मंत्री रहे। 1989 में राजीव गांधी के निधन के बाद एनडी तिवारी को कांग्रेस से प्रधानमंत्री पद का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था। लेकिन, 1991 के लोकसभा चुनाव में वे नैनीताल सीट से हार गए। हार की वजह से तिवारी दावेदारी कमजोर हो गई। इन चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने। 1994 में तिवारी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अर्जुन सिंह के साथ मिलकर तिवारी कांग्रेस बनाई। हालांकि, सोनिया गांधी के राजनीति में उतरने के बाद 1995 में तिवारी और अर्जुन सिंह कांग्रेस में वापस आ गए। 

88 साल की उम्र में की दूसरी शादी
तिवारी ने 1954 में सुशीला तिवारी से विवाह किया। 1991 में सुशीला का निधन हो गया। 14 मई 2014 को उन्होंने उज्ज्वला तिवारी से 88 साल की आयु में दूसरी शादी की। तिवारी का जन्म नैनीताल के बलौटी गांव में 18 अक्टूबर 1925 को हुआ था। शुरुआती पढ़ाई के बाद वे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी गए, जहां से उन्होंने राजनीति शास्त्र में एमए और फिर एलएलबी की। वह 1947 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। 1947 से 1949 तक वे ऑल इंडिया स्टूडेंट कांग्रेस के सचिव रहे। एनडी तिवारी बीते एक साल से बीमार चल रहे थे. वह तीन बार उत्तरप्रदेश और एक बार उत्तराखंड के सीएम रहे. वह आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह केंद्र में वित्त और विदेश मंत्री भी रह चुके हैं. आज ही एनडी तिवारी का जन्मदिन भी था. एनडी तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर 1925 को हुआ था और संयोगवश उनका निधन  भी 18 अक्टूबर को ही हुआ. वह इकलौते  ऐसे शख्स थे, जो दो राज्यों के मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं. डॉक्टरों ने बताया कि एनडी तिवारी का निधन दोपहर दो बजकर 50 मिनट पर हुआ. उन्हें 26 अक्टूबर को अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था. वह बुखार और निमोनिया से पीड़ित थे.  

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