एम जे अकबर के इस्तीफे पर बोलीं प्रिया रमानी !

#MeToo अभियान के तहत 20 महिला पत्रकारों ने अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इन महिलाओं का आरोप था कि द एशियन एज और अन्य अखबारों के संपादक रहते हुए अकबर ने उनका यौन उत्पीड़न किया था.


अकबर पर सबसे पहले आरोप लगाने वाली वरिष्ठ पत्रकार प्रिया रमानी ने उनके इस्तीफे पर खुशी ज़ाहिर की है.
प्रिया रमानी ने ट्वीट किया, "अकबर के इस्तीफ़े से हमारे आरोप सही साबित हुए हैं. हमें अब उस दिन का इंतज़ार है, जब हमें कोर्ट में न्याय मिलेगा."सबसे पहले एमजे अकबर का नाम प्रिया रमानी ने ही लिया था. उन्होंने एक साल पहले वोग इंडिया के लिए 'टू द हार्वी वाइन्सटीन ऑफ़ द वर्ल्ड' नाम से लिखे अपने लेख को री-ट्वीट करते हुए ऑफिस में हुए उत्पीड़न के पहले अनुभव को साझा किया था.
उन्होंने आरोप लगाया था कि अकबर ने न्यूज़रूम के अंदर और बाहर उनके साथ अश्लील हरकतें की थीं.
पत्रकार प्रिया रमानी ने अकबर के इस्तीफ़े का स्वागत करते हुए कहा कि महिला होने के नाते, अकबर के इस्तीफ़े से, हमें लगता है, हमारा पक्ष सही साबित हुआ. अब मुझे उस दिन का इंतज़ार है जब मुझे भी अदालत से इंसाफ़ मिलेगा. महिला पत्रकार प्रिया रमानी ने ही अकबर के खिलाफ सबसे पहले यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी. बता दें कि एमजे अकबर ने भी प्रिया रमानी के ख़िलाफ़ मानहानि का केस किया है. इस मामले में गुरुवार को सुनवाई होनी है. 


उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने अकबर के इस्तीफे का स्वागत किया है. महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि आखिरकार सरकार ने महिलाओं की आवाज सुनी. मुझे इसकी उम्मीद थी. वहीं, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष (DCW) स्वाति मालिवाल ने कहा कि आखिरकर एमजे अकबर ने इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे में इतने समय तक देरी के लिए उन्हें शर्म आनी चाहिए. इस्तीफे का क्रेडिट न तो अकबर को जाना चाहिए और नहीं केंद्र सरकार को, क्योंकि यह इस्तीफा मीटू अभियान के दबाव के बाद हुआ है. 

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