रंगारंग कार्यक्रमों के साथ हुआ एशियाई खेलों का समापन


जकार्ता, एजेंसी

इंडोनेशिया ने रविवार को विदाई समारोह के साथ 18वें एशियाई खेलों को विदाई दी, जिस 15 दिवसीय प्रतियोगिता का उसने बेहद सफल आयोजन किया। समापन समारोह के दौरान भारी बारिश के बावजूद हजारों दर्शक स्टेडियम में समारोह के लिए मौजूद थे। गेलोरा बुंग कर्णों स्टेडियम में समारोह के दौरान बालीवुड को लेकर इंडोनेशिया के प्यार की झलक भी देखने को मिली जब गायक सिद्धार्थ स्लाथिया और देनादा ने 'कोई मिल गया, 'कुछ कुछ होता है और 'जय हो' जैसे लोकप्रिय गाने गाए।
भारत के सिद्धार्थ उन छह गायकों में मौजूद थे जिन्होंने अपनी स्थानीय भाषा में खेल के गान को गाया। उन्होंने प्रतिष्ठित गायक इकोन और कोरिया के सुपर जूनियर के अलावा स्थानीय गायकों इसयाना सरस्वती, दिरा सुगांदी, आरएएन और बुंगा सित्रा लेस्तारी के साथ मिलकर दर्शकों का मनोरंजन किया। उम्मीद के मुताबिक पदक तालिका में पहले दो स्थानों पर रहे चीन और जापान के खिलाड़ियों का स्टेडियम में प्रवेश पर स्वागत किया गया लेकिन सबसे अधिक हौसलाअफजाई इंडोनेशिया के दल की हुई जो चौथे स्थान पर रहा। भारत दल की अगुआई महिला हाकी टीम की कप्तान और ध्वजवाहक रानी रामपाल ने की। भारत के लिए भी यह यादगार खेल रहे जिसने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य पदक सहित कुल 69 पदक जीते।

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इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो का वीडियो संदेश भी दिखाया गया। आयोजकों के लिए यह कड़े और सफल अभियान का अंत रहा जिन्हें वियतनाम के हटने के बाद बहु खेलों वाली इस दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता की तैयारी के लिए चार साल का समय मिला था। इस प्रतियोगिता के इतिहास में पहली बार जकार्ता और पालेमबांग के रूप में दो शहरों ने सह मेजबान के रूप में प्रतियोगिता का आयोजन किया।
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आयोजन समिति आईएनएएसजीओसी प्रमुख एरिक थोहीर ने कहा, ''सभी ने समर्थन दिया, यह सबसे महत्वपूर्ण है। पूरा इंडोनेशिया एक हो गया और खेलों का समर्थन किया। मार्च 2016 से ही हमारे पास योजना थी। एक संगठन के रूप में अपने सुनिश्चित किया कि हम इस योजना को लागू करें।" इंडोनेशिया 1962 के बाद पहली बार एशियाई खेलों का आयोजन कर रहा था और इस सफल आयोजन से देश को 2032 ओलंपिक की दावेदारी करने का आत्मविश्वास भी मिला है। समापन समारोह में एशिया की संयुक्त भावना को दिखाया गया जिसमें भारत, चीन और कोरिया के कलाकारों ने प्रस्तुति दी।
जहां तक भारत की बात है तो भारतीय खिलाड़ियों ने 1951 के 'स्वर्णिम शो' को फिर से दोहराते हुए एशियाई खेलों के इतिहास में सबसे अधिक पदक अपने नाम किए हैं। वैश्विक स्तर पर खेल महाशक्ति माने जाने वाले चीन ने जकार्ता में 132 स्वर्ण, 92 रजत और 65 कांस्य के साथ कुल 289 पदक जीते। इसके अलावा जापान ही 200 पदकों का आंकड़ा पार कर सका। कुल 205 पदकों के साथ जापान दूसरे और 177 पदकों के साथ दक्षिण कोरिया तीसरे पायदान पर रहा। जबकि भारत ने भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 15 स्वर्ण के साथ कुल 69 पदक जीते। भारत ने 2010 में 65 पदक जीते थे और 1951 में 15 स्वर्ण जीते थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया में हुए 18वें एशियाई खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर भारतीय दल को शुभकामनाएं दी है। भारत ने इन खेलों में 15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य पदक के साथ कुल 69 पदक हासिल किया जो इंचियोन में हुए एशियाई खेलों में हासिल किए गए 65 पदक से ज्यादा हैं। भारत ने स्वर्ण पदक के मामले में 1951 में दिल्ली में हुए पहले एशियाई खेलों की बराबरी की लेकिन भारतीय दल ने पहली बार 24 रजत पदक हासिल किए।
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