पती पत्नी और वो !


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पीरियड महिलाओं के शरीर में होने वाली एक प्रक्रिया है जो एक निश्चित अन्तराल के बाद स्वाभाविक रूप से होती है. यह प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया महिलाओं के प्रजनन तंत्र से जुड़ी हुई है, इस प्रक्रिया का सुचारू रूप से होते रहना महिलाओं के अच्छे स्वास्थ्य का परिचायक है. लेकिन क्या इस दौरान पार्टनर के साथ संबंध बनाना भी ठीक रहता है? 

ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि पीरियड के दौरान संबंध बनाना ठीक नहीं होता है. लेकिन असल में यह धारणा बिल्कुल निराधार और गलत है.







पीरियड की प्रक्रिया के दौरान क्या करना सही है और क्या नहीं, इस बात को लेकर अधिकांश महिलायें अक्सर दुविधा में रहती हैं. खास तौर से जब बात पीरियड के दौरान सेक्स की हो तो ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि पीरियड के दौरान सेक्स करना सही नहीं है. लेकिन असल में यह धारणा गलत है.
वैज्ञानिक रूप से ऐसा कोई भी प्रमाण नहीं मिलता है कि पीरियड के दौरान सेक्स से स्त्री या पुरुष किसी को भी स्वास्थ्य-संबंधी कोई भी हानि होती है. इसलिए डॉक्टर पीरियड के दौरान सेक्स के लिए मना नहीं करते हैं. हाँ ये जरूरी है कि कपल किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित ना हों और भयमुक्त होकर आपसी सहमति से सेक्स करें.
बहुत सारे लोग पीरियड के दौरान सेक्स करने में ही सहजता महसूस करते हैं. इसका कारण यह है कि इस दौरान स्त्री के प्रजनन अंगो में गीलापन होता है. इस वजह से इस दौरान सेक्स ज्यादा आनंददायक होता है और सहज रूप से होता है.

बार-बार सेक्स करने से स्त्री के गर्भाशय में सिकुड़न आती है. सिकुड़न के बाद गर्भाशय से ब्लड और यूटेरिन लाइनिंग का तेजी से निष्कासन होता है. इसलिए पीरियड के दौरान सेक्स करने से पीरियड की अवधि भी कम होती है और शरीर में दर्द और एंठन पैदा करने वाले कई तत्त्व भी शरीर से बाहर निकल जाते हैं.
पीरियड के दौरान कई बार महिला के शरीर में दर्द होता है और ऐंठन की परेशानी भी होती है. ऐसे में सेक्स करने से महिला को इस दर्द और ऐंठन से राहत मिलती है. इसका कारण है शरीर में ऑक्सिटोसिन, डोपामाइन हॉर्मोन्स और ऐंडोरफिंस का स्तर बढ़ जाना. इनका असर दर्द-निवारक गोलियों से भी कहीं ज्यादा होता है.
कई महिलाओं का स्वभाव पीरियड के दौरान बेहद चिड़चिड़ा हो जाता है. ऐसे में सेक्स से उनका चिड़चिड़ापन कम हो सकता है. पीरियड के दौरान सेक्स करने से ऐंडोरफिंस और ऑक्सिटोसिन शरीर से निष्कासित होते हैं. इसके परिणामस्वरूप दिमाग में प्लेजर सेंटर्स सक्रिय हो जाते हैं और चरम आनंद की अनुभूति होती है. इसके अलावा तनाव से भी छुटकारा मिलता है.
पीरियड के दौरान हार्मोनल बदलावों के कारण महिलाओं में सेक्स की तीव्र चाह उत्पन्न होती है. इसलिए पीरियड के दौरान सेक्स करने से चरम आनंद की अनुभूति होती है.
पीरियड के दौरान सेक्स से गर्भधारण की संभावना बहुत कम होती है. लेकिन फिर भी गर्भधारण की संभावना को पूरी तरह समाप्त करने के लिए कॉन्डोम का इस्तेमाल जरूरी है.
सेक्स से पहले और इसके बाद यौन अंगों को पानी से धोना जरूरी है. पानी में माइल्ड डिसइन्फेक्टेंट दवा, जैसे डिटॉल और सेवलॉन मिलाकर उपयोग किया जाए तो बेहतर है.
तो पीरियड्स को लेकर भ्रांतियों का शिकार न होएं और स्वस्थ सुखी दाम्पत्य जीवन बिताएं.

 संबंध बनाने से पहले और इसके बाद प्राइवेट पार्ट्स को पानी से धोना जरूरी है. पानी में माइल्ड डिसइन्फेक्टेंट दवा, जैसे डिटॉल और सेवलॉन मिलाकर उपयोग किया जाए तो बेहतर है.
पीरियड के दौरान यौन संबंध बनाने पर ये जरूरी है कि यौन अंगों की स्वच्छता पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण





















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