पाकिस्तान
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गुरुवार को कहा कि कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव के मामले में नई सरकार कोई सख्त फैसला ले सकती है. उन्होंने जाधव को फांसी दिए जाने का संकेत भी दिया. जियो समाचार की खबर के मुताबिक, कुरैशी ने मुल्तान में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "हम प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे. मुल्क को तैयार रहना चाहिए, क्योंकि हम कुछ सख्त फैसले लेने जा रहे हैं."
उन्होंने कहा, "हमारे पास जाधव के खिलाफ ठोस सबूत हैं और हमें आशा है कि हम आईसीजे में जीत हासिल करेंगे. हम अईसीजे के समक्ष प्रभावी तरीके से अपनी दलील पेश करने का प्रयास करेंगे." जाधव को एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी के लिए अप्रैल, 2017 में फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके बाद भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था. 10 सदस्यीय आईसीजे पीठ ने मामले के विचाराधीन होने तक पाकिस्तान से जाधव को फांसी न देने को कहा था.
"उन्होंने कहा, "हमारे पास जाधव के खिलाफ ठोस सबूत हैं और हमें आशा है कि हम आईसीजे में जीत हासिल करेंगे. हम अईसीजे के समक्ष प्रभावी तरीके से अपनी दलील पेश करने का प्रयास करेंगे." जाधव को एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी के लिए अप्रैल, 2017 में फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके बाद भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था. 10 सदस्यीय आईसीजे पीठ ने मामले के विचाराधीन होने तक पाकिस्तान से जाधव को फांसी न देने को कहा था."
"पाकिस्तान ने कहा कि जाधव कोई साधारण व्यक्ति नहीं है, क्योंकि वह देश में जासूसी के इरादे से घुसा था और उसने बलूचिस्तान में कई गड़बड़ी वाली गतिविधियां की थीं. भारत ने हालांकि सभी आरोपों को नकार दिया था. पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक, जाधव को तीन मार्च, 2016 को अवैध रूप से ईरान के रास्ते पाकिस्तान में घुसने पर गिरफ्तार किया गया था, जबकि भारतीय अधिकारियों का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण कर इच्छा के खिलाफ उसे पाकिस्तान ले जाया गया था."
आपको बता दें कि इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी सफाई दी थी. उन्होंने कहा कि पहले भी तनाव के बीच दोनों देशों के नेता मिलते रहे हैं. कमर जावेद बाजवा से उनकी मुलाकात सिर्फ चंद मिनटों की थी. बेवजह इस पर बवाल खड़ा किया जा रहा है. नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी शांति का संदेश लेकर पाकिस्तान गए थे. उनके लौटने के तुरंत बाद ही जनरल मुशर्रफ ने कारगिल में युद्ध छेड़ दिया था. बाद में उसी परवेज को भारत में निमंत्रण दिया गया. वाजपेयी और मुशर्रफ के बीच आगरा में वार्ता भी हुई.
कुलभूषण जाधव |
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने शपथग्रहण समारोह में
कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू के शामिल होने को लेकर कहा, -
"मेरे शपथग्रहण समारोह में शिरकत के लिए मैं (नवजोत सिंह) सिद्धू को शुक्रिया कहता हूं.
वह शांति के दूत थे, और उन्हें पाकिस्तान की जनता की ओर से प्यार और लगाव ही दिया गया. भारत में जो लोग उन्हें निशाना बना रहे हैं, वे उपमहाद्वीप में शांति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. शांति के बिना हमारे लोग तरक्की नहीं कर सकते हैं."आपको बता दें कि इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी सफाई दी थी. उन्होंने कहा कि पहले भी तनाव के बीच दोनों देशों के नेता मिलते रहे हैं. कमर जावेद बाजवा से उनकी मुलाकात सिर्फ चंद मिनटों की थी. बेवजह इस पर बवाल खड़ा किया जा रहा है. नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी शांति का संदेश लेकर पाकिस्तान गए थे. उनके लौटने के तुरंत बाद ही जनरल मुशर्रफ ने कारगिल में युद्ध छेड़ दिया था. बाद में उसी परवेज को भारत में निमंत्रण दिया गया. वाजपेयी और मुशर्रफ के बीच आगरा में वार्ता भी हुई.
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