प्यारी माँ .. मम्मा

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By-- Shayak Alok
मैं अलग सा बच्चा था .. एकाकी .. इंट्रोवर्ट ! .. मेरा पूरा बचपन मैंने लगभग अकेले ही गुजारा .. मेरी मॉम गवर्नमेंट स्कूल टीचर हैं .. मैं चार साल का था तब से वे जॉब में हैं .. तब वे बीमार रहती थीं .. गुस्से वाली भी थीं .. मेरी पीढ़ी की माँओं जैसी .. वे फ़िल्मी माँओं की तरह लोरियां गाने वाली और जिद उठाने वाली नहीं थीं .. वे उन्हीं माँओं सी थी जो गिरने पर पहले थप्पड़ लगाती हैं और फिर कपड़े झाड़ती हैं .. चौथी पांचवीं क्लास से मैं मेरे जूठे बर्तन और मेरे कपड़े जूते खुद धोने लगा था ..
मॉम से अलग सा एक बोंड था मेरा .. वे जल्दी जल्दी खाना पकातीं और फिर स्कूल जाने के लिए तैयार होतीं .. वे साड़ी बांधते मुझे पुकारतीं .. फिर मैं जमीन पर बैठ उनकी उन कड़क हैंडलूम साड़ी का जमीनी सिरा पकड़ के रखता और वे प्लेट बनातीं .. मैं तब तक उनके लिए यह करता रहा जब ग्याहरवीं की पढ़ाई के लिए घर छोड़कर रांची नहीं चला गया ..
मेरी कोई बहन है नहीं तो मैं उनकी बेटी भी बना रहा इस पूरे समय में .. उनके लिए चाय बनाता .. छत पर कपड़े सूखा देता .. वे कहीं जातीं तो मुझे लिए जातीं .. मायका पार्टी फंक्शन सत्संग .. मैं उनकी बेस्ट कंपनी था .. वे आज भी अपने लिए कोई शॉपिंग करती हैं तो मुझे दिखा पूछती हैं बताओ कैसा है .. साड़ी ज्वेलरी चप्पल कंगन .. कुछ भी .. आठवीं नवमीं क्लास तक तो माँ को पकड़कर उनके साथ सोता था ..
दो घटनाएं याद करता हूँ तो आश्चर्य करता हूँ कि कैसे समझ पाई होंगी वे .. कुछ साल पहले के वे मेरे प्रेम के दिन थे जब प्रेयसी ने शादी की बात की .. जाति क्षेत्रीयता वर्ग से रु ब रु मेरी और उसकी आकांक्षा के बीच मैंने डरते हुए फ़ोन किया मॉम को .. ' माँ, मैं सोचता हूँ कि मैं पियू के साथ ही खुश रह पाऊंगा .. मैं शादी करना चाहता हूँ .. कोर्ट में .. ' .. वे चिल्लाती रहीं कुछ देर .. ' बंगाली है .. शुद्र है .. बड़े बाप की बेटी .. मोटी है .. ' .. फिर बुदबुदाती रहीं - ' कर लो .. ज़िन्दगी तुम्हें गुजारनी है .. तुम्हें पसंद है तो अच्छी ही होगी ' ..
अभी घर छोड़ आया कुछ महिने पहले .. बिना उन्हें बताये .. सरकारी नौकरी भी करने से मना कर दिया .. शादी करने से भी .. तो सुनकर पहले चिल्लाती रहीं .. ' पछताओगे .. बेवकूफी है यह .. रायटिंग भी कोई जॉब है क्या .. और शादी क्यों नहीं करनी तुम्हें ' .. और फिर जब मैंने कहा कि मैं मेरी ज़िन्दगी मेरे तरीके से जीना चाहता हूँ .. मैं अलग हूँ माँ .. तो मान गई .. कुछ पैसे भी डाल दिए अकाउंट में .. कोई फ़िल्मी डायलोग नहीं मारा उन्होंने कि जा सिमरन जी ले अपनी ज़िन्दगी .. पर उनके स्वर के आरोह अवरोह में यही भाव दर्ज था ..
कल मॉम का कॉल आया और तब मुझे पता नहीं था कि आज मदर्स डे जैसा कुछ है .. मॉम को ये सब पता नहीं होता .. हो सकता है उन्हें टी वी विज्ञापनों ने बताया हो पर अगर उन्हें इस दिन के लिए कॉल करना होता तो आज करतीं .. मुझे अभी न्यूज़ पेपर ने बताया ..
उन्होंने हर बार की तरह हाल चाल पूछा और मैंने हर बार की तरह कम शब्दों में सब ठीक सब ठीक कह दिया .. वे हर बार की तुलना में इस बार कम अधिकार दिखाती हुईं प्रतीत हुईं और मैं हर बार की तरह इस बार कम रुखा रहा उनके साथ .. फिर कुछ देर की चुप्पी रही हमारे बीच ..
अब वे मेरे शब्दों व मेरी चुप्पी को पढ़ना जान गईं हैं .. वे ठीक ठीक अनुमान कर लेतीं हैं मेरे संक्रमित हो चुके मिजाज का भी .. जैसे आधुनिक माएं और प्रेयसियां समझती हैं वैसे वे भी जानने लगी हैं कि मेरे किस मिजाज में मैं क्या सुनना चाहता हूँ .. वे चुप रहीं और फिर जैसे किसी बुदबुदाहट में मुझे कहने लगीं- ' सब अच्छा ही होगा .. मन लगाए रखो .. स्वास्थ्य का ख्याल रखना .. कोई जरुरत हो तो बोलना ..' .. फिर किसी घबराहट में बोल ही गईं - ' कभी कभी कॉल कर लिया करो .. मन में आशंका सी लगी रहती है .. मिस कॉल ही कर दिया करो कम से कम ' ..
पिछली बार दस दिन पहले उन्होंने कॉल किया था और मैं चिल्लाया था उनपर .. ' मुझे नहीं करना कॉल .. क्यों करूँ बिना बात के कॉल .. और मुझे कुछ हो गया तो लोग हैं यहाँ जो बता देंगे आपको .. और मर नहीं जाऊँगा मैं .. '
यह मेरा मुखौटा है .. मैं जानता हूँ उन्हें .. मैं जानता हूँ कि मैंने प्यार से बात की तो वे मुझपर से अपने अधिकार को कभी हल्का नहीं कर पाएंगी .. वे तब ज्यादा बेचैन रहेंगी और लौट आने की राह तकती रहेंगी .. वे फिर से मुझे शादी और सरकारी नौकरी के लिए घसीटेंगी .. मैंने उनके भेजे पैसे इसलिए नहीं छुए अभी तक ..
जब मैंने घर छोड़ा तो मुझे खुद को छोड़ देना था न कहीं न कहीं .. उन्हें मेरे बिना रहना भी सीखना होगा ..
खैर ..
आज मदर्स दे पर 'आय लव यू मॉम' कहने में शर्म आएगी मुझे .. देशी संस्कार में बड़े होने की दुविधा है यह .. किन्तु सोचा है मैंने कि फोन करूँगा .. बहाने से करूँगा बस आवाज़ सुनने के लिए .. कहूँगा कि मॉम बताओ जरा रेसिपी कि ये सरसों मसाला वाला आलू सब्जी कैसे बनाती हो .. वे बहुत खुश हो जाएंगी इतने भर से .. पुराने वाले बेटे को सुनकर .. मैं भी खुश हो जाऊँगा .. बहुत ..

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