नई दिल्ली। दिल्ली में एक जनवरी से शुरू हो रही ऑड-इवन स्कीम से सीएनजी कारों को छूट मिली है। लेकिन उन सभी सीएनजी कारों को विंड स्क्रीन पर आईजीएल की ओर से जारी किया गया स्पेशल स्टिकर लगाना होगा। आज से स्पेशल स्टिकर लगाने का काम शुरू हो गया है, लेकिन इस योजना को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अधूरी तैयारी की वजह से यह योजना सहूलियत की बजाय परेशानी का सबब बन सकता है।
दिल्ली सरकार ने देश की राजधानी में रहने वालों की सेहत की फिक्र करने में इतनी देर कर दी कि अब आबोहवा को ठीक करने की कोशिशें भी परेशानी का सबब बनने वाली हैं। जरूरत से कम सीएनजी पंप स्टेशन और ईंधन के लिए गाड़ियों की लंबी कतारें। दिल्ली वाले उन दिनों को भूले भी नहीं थे कि अब नई परेशानी सामने तैयार है।
दिल्ली की हवा में जहर घोलने वाली गाड़ियों पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक फैसला किया। इस फैसले के मुताबिक ऑड-इवन स्कीम से उन्हीं कारों को छूट मिलेगी जो सीएनजी से चलती हैं। लेकिन सीएनजी से चलने वाली इन गाड़ियों को छूट हासिल करने के लिए अपने विंड स्क्रीन पर इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड से जारी स्पेशल स्टिकर लगाना होगा। सरकार ने आईजीएल के साथ मिलकर स्पेशल फीचर वाला स्टिकर तैयार करवाया है।
ऐसे स्टीकर लगाने का काम मंगलवार यानी आज सुबह 6 बजे से शुरू हो गया है। सीएनजी स्टिकर के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा लेकिन ये स्टिकर उन्हीं कार मालिकों को मिलेंगे जिनकी कार की आरसी पर सीएनजी दर्ज होगा। एक जनवरी से लेकर 15 जनवरी तक ये स्टिकर मिलते रहेंगे। क्योंकि एक जनवरी से ये फैसला लागू होना है इसलिए इस पर कई सवाल खड़े होने लगे हैं।
दिल्ली में सीएनजी वाली गाड़ियों की संख्या करीब 5 लाख है। और 1 जनवरी से सड़कों पर उतरने से पहले इन गाड़ियों में स्टीकर लगाने होंगे, ऐसा नहीं करने पर 2000 रुपये जुर्माना भरना होगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या महज तीन दिनों में सभी 5 लाख गाड़ियों पर सीएनजी स्टिकर लग पाएगा? जानकारों की मानें, तो ये असंभव है।
जिसकी वजह है कि दिल्ली में कुल 95 सीएनजी पंप हैं, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में 19 सीएनजी पंप हैं। यानी तीन दिन में महज 114 सीएनजी पंप के जरिए पांच लाख वाहनों में स्टिकर लगा पाना मुमकिन नहीं लगता। साफ है, ऐसे में स्टिकर लगाने के लिए गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लगेंगी और इसका असर सड़कों पर तो दिखेगा ही, साथ ही दूसरे रूप में भी नजर आएगा। से में, फर्जी स्टिकर लगाने का खतरा भी बढ़ गया है। इस अंदेशे को भांपते हुए सरकार ने गड़बड़ी रोकने की तैयारी पहले से कर ली है। सही-गलत स्टिकर की पहचान के लिए एक हजार रीडर खरीदे गए हैं। और फर्जी स्टिकर पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी और ऐसा करने वालों पर फर्जीवाड़े का मुकदमा होगा साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
रिपोर्ट- ऋषि राज
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