वाराणसी मे भाजपा का एल०ई०डी० लाइट लगाने का खेल॥ खुली पोल॥

पिछले 12 दिसम्बर 2015 को मा० प्रधान मंत्री जी के वाराणसी आगमन पर शहर मे वर्षो से लगी 36000 सोडियम लाइट को एल०ई०डी० मे बदलने का एक सराहनीय प्रयास हुआ। जिससे इलेक्ट्रिक ऊर्जा मे आधी की बचत होगी। लगभग 12000 सोडियम लाइट को एल०ई०डी० मे बदलने का कार्य भी किया गया। शहर मे भाजपा ने दुष्प्रचार किया कि मोदी जी के आने पर "केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय" द्वारा यह कार्य किया जा रहा है।
पर सच्चाई कुछ और है एल०ई०डी० के लिए केन्द्र सरकार द्वारा एक भी पैसा नही दिया गया। इसका कुल खर्च नगर निगम वाराणसी को वहन करना है। एल०ई०डी० सम्बन्धित प्रस्ताव नगर निगम मिनी सदन मे दिनांक 19/12/2015 को प्रस्तुत किया गया। जिसमे केन्द्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के उपक्रम ई०ई०सी०एल० द्वारा एक करार के सम्बन्ध मे था। इसमे कहा गया कि नगर निगम एक वर्ष मे 24.5करोड़ बिजली की बिल जमा करता है। LED लाइट लगने से 12.5 करोड़ की बिजली की बचत होगी। शेष बचे 12.5 करोड़ को प्रत्येक वर्ष 7 वर्षो तक ई०ई०सी०एल० को देना होगा । इस प्रकार 7 वर्षो मे कुल 87 करोड़ ई०ई०सी०एल० को नगर निगम देगा। जबकि इतनी LED लाइट भारत की नामी कम्पनियों फिलिप्स, सूर्या आदी से लिया जाये तो 37 करोड़ रूपया हो रहा है। इस प्रकार नगर निगम वाराणसी मिनी सदन ने प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया कि यदि पैसा नगर निगम को ही देना है तो पारदर्शी तरीके से निविदा आमंत्रित किया जाये तथा जिस भी अच्छे कम्पनी का कम रेट आये उस कम्पनी से यह करार किया जाये।

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