सुग्रीव से मित्रता कर राम ने उसके शत्रु भ्राता बाली का बध किया

कोंच।बीती रात रामलीला रंगमंच पर राम-सुग्रीव मित्रता और बाली बध लीला का रोचक मंचन किया गया।
सीता हरण हो जाने से दुखी होकर राम उन्हें वन वन खोजते फिर रहे हैं, कभी लताओं तो कभी वृक्षों और पर्वतों से सीता का पता पूछते हैं।वे भीलनी शबरी के आश्रम में पहुंचते हैं जहां शबरी उनका सब प्रकार से स्वागत करती है और प्रेमातिरेक में चखे हुये जूठे बेर उन्हें खिलाती है, राम भी बड़े ही भाव से उन्हें ग्रहण करते हैं, जबकि लक्ष्मण उन्हें फेंक देते हैं।शबरी ही उन्हें ऋष्यमूक पर्वत पर जाकर सुग्रीव से मित्रता करने के लिए कहती है।उसे नवधा भक्ति का ज्ञान देकर राम आगे बढ जाते हैं।यहां राम और हनुमान का मिलन होता है और वह सुग्रीव से उनकी मित्रता कराते हैं।सुग्रीव उन्हें बाली द्वारा दिये गये त्रास के बारे में बताता है।राम सुग्रीव को बाली से युद्ध करने भेजते हैं और इस तरह वे वृक्ष की ओट से वाण चला कर बाली का बध कर देते हैं।बाली राम से अपने बेटे अंगद को युवराज बनाने का वचन ले लेता है।बाली का अभिनय शीलू वैद, सुग्रीव दीपू सोनी, हनुमान अभिषेक रिछारिया, तारा गौरीशंकर झा, शबरी कमलेश राठौर, कबंध ऋषि झा तथा अन्य किरदारों में आशुतोष रावत, शुभ सोनी आदि ने निभाये।रामलीला समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र गुप्ता, मंत्री सतीश राठौर, उपाध्यक्ष संजय सोनी, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र वेदी, नवनीत गुप्ता, अभिनय विभाग के अध्यक्ष रमेश तिवारी, मंत्री नरोत्तम स्वर्णकार आदि व्यवस्थाओं में सहयोग कर रहे थे।

लंका दहन लीला आज

कोंच।रामलीला के जारी 163वें महोत्सव में आज 20 अक्टूवर को रात्रि ठीक 8 बजे से रामलीला रंगमंच पर लंका दहन लीला का मंचन किया जायेगा।

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