आबकारी विभाग की शहः धड़ल्ले से शराब में हो रही ओवररेटिंग

Krishna Pandit
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अनंत सीमाओं से परिपूर्ण भ्रष्टाचार की जड़े काफी गहरी हो गई है। यह व्यक्ति की नसों में कोकीन के नशे की तरह फैल गया है। कोई सरकारी विभाग ऐसा नहीं है जहां भ्रष्टचार की बेल पुष्पित व पल्लवित नहीं हो रही हों। इसी प्रकार से आबकरी विभाग की तो बात ही कुछ अलहदा है। इससे जुड़े लोग भले ही खुलेआम मौत का सामान बेंच रहे हों पर विभाग को जेब गरम करने से फुरसत नहीं है।
जिले में नकली शराब, अवैध शराब, कच्ची शराब का कारोबार खूब फल-फूल रहे हैं, वहीं शासन से निर्धारित मूल्य से अधिक राशि भी शराब विक्रेता खुलेआम लोगों से वसूल करते हैं। जनपद में शराब के कारोबार में जमकर ओवर रेटिंग की जा रही है। शराब कारोबारियों द्वारा प्रति बोतल पर निर्धारित मूल्य से अधिक 10-50 रुपये तक वसूले जा रहे है, जिससे शराब के शौकीनों की जेब ढीली होती जा रही है लेकिन इस ओर न तो आबकारी विभाग ध्यान दे रहा है और न ही जिला प्रशासन। आबकारी विभाग की उदासीनता के चलते शराब कारोबारियों की हौसले बुलंद है।
जिस प्रकार आबकारी विभाग प्रदेश सरकार का खजाना में भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, उसी प्रकार जनपद में शराब कारोबारी भी मालामाल होते जा रहे है। जनपद में आबकारी विभाग द्वारा देशी शराब की 221 से अधिक, अंग्रेजी शराब की लगभग 61 एवं बीयर की 53 दुकानों को संचालित किया जा रहा है। इन शराब की दुकानों पर सुबह से देर रात तक नशे के शौकीनों की भीड़ लगी रहती है। जिससे विभाग को लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त हो रहा है। लेकिन, आबकारी विभाग का शराब कारोबारियों के ऊपर से नियंत्रण हटता जा रहा है। शराब कारोबारियों द्वारा खुलेआम विभागीय नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।

खुलेआम चौराहों पर पियक्कड़ों की भीड़ लगी रहती है, जिससे राहगीरों को ही नहीं बल्कि स्कूली छात्राओं एवं महिलाओं को भी खास दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि पियक्कड़ों द्वारा नशे की हालत में महिलाओं पर फब्तियां भी कसी जाती है। यही नहीं इन शराब कारोबारियों द्वारा धड़ल्ले से देशी एवं विदेशी शराब एवं बीयर को खुदरा मूल्य से अधिक दामों में बेचा जा रहा है। 50 रुपये में मिलने वाला देशी शराब का क्वार्टर 60 रुपये में बेचा जा रहा है। यहीं नहीं 160 में मिलने वाला अंग्रेजी शराब का क्वार्टर 175 रुपये में बेचा जा रहा है। बीयर पर भी 10 से 15 रुपये तक अधिक वसूले जा रहे है।
जनपद में शराब कारोबारियों द्वारा खुलेआम ओवर रेटिंग का खेल खेला जा रहा । जिससे शराब कारोबारियों की जेब तो भर रही है लेकिन नशे के शौकीनों की जेब ढीली होती जा रही है। इतना सबकुछ होने के बावजूद आबकारी विभाग हाथ पर हाथ धरकर बैठा हुआ है।
आबकारी विभाग द्वारा न तो शराब की दुकानों की जांच की जाती है और न ही शराब कारोबारियों से नियमों का पालन कराया जा रहा है। विभाग की उदासीन कार्यप्रणाली के चलते शराब कारोबारियों के हौसले इतने बुलन्द है कि वे खुलेआम शराब को निर्धारित दाम से अधिक दामों में बेच रहे है।

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