समय से मिलता इलाज तो बच सकती थी जान

आज सुबह कस्बा जालौन में जो घटना हुई उसके बाद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि घटना के बाद सूर्यप्रताप की सांसे चल रही थी। जिला अस्पताल के लाने के बाद भी वह जीवित था लेकिन डाॅक्टरों की रोज-रोज हो रही हड़तालों से कई बार लोग इलाज के अभाव में जान गंवा चुके हैं। यही हाल आज भी रहा कि बीती रात सड़क दुर्घटना में मृत हुए युवक के परिजनों द्वारा जो हंगामा हुआ उसमें आज सुबह से ही डाॅक्टर हड़ताल पर चले गये थे। नतीजतन अस्पताल की इमरजेंसी में कोई भी चिकित्सक मौजूद नही था। जिससे गंभीर घायल सूर्यप्रताप को समय से इलाज मुहैया नही हो सका। बाद में उसे मेडीकल काॅलेज ले जाते समय इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई। सभी का कहना है कि अगर समय रहते मृतक सूर्यप्रताप को इलाज मिल जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी।

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